हवाईजहाज में पैदा हुए बच्चे का नहीं बन पा रहा जन्म प्रमाण पत्र, क्या कहते है नियम

DESK : पिछले माह 17 मार्च को इंडिगो की फ्लाइट में आसमान में जन्म लेने वाले बच्चे के परिजनों को उसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है. 22 दिन के इस बच्चे का जन्म बैंगलुरू से जयपुर आने वाली फ्लाइट में हुआ था. उस समय उसकी मां को प्रसव पीड़ा हुई तो फ्लाइट में मौजूद एक महिला चिकित्सक ने अन्य क्रू मेंबर्स की मदद से प्रसव कराया. दरअसल, अजमेर जिले के जालिया रूपवास गांव निवासी भैरूसिंह अपनी पत्नी ललिता बैंगलुरू में रहता है. वह वहां ऑटो रिक्शा चलाता है. भैरूसिंह को 16 मार्च को सूचना मिली कि उसके पिता की गांव में तबीयत काफी खराब है. इस पर उसने जयपुर तक पहुंचने के लिए इंडिगो एयरलाइंस का तत्काल टिकट बुक करवाया. इसी दौरान महिला के पेट में आठ माह का गर्भ था.

लेकिन पिता की तबीयत खराब होने के कारण वे फ्लाइट में बैठ गए. फ्लाइट में बैठने से पहले जांच कराई तो चिकित्सकों ने कहा अभी प्रसव होने में समय है, यात्रा की जा सकती है. इस पर वे फ्लाइट में जयपुर आने के लिए बैठ गए. लेकिन फ्लाइट में ही ललिता को प्रसव पीड़ा होने लगी. उसके साथ यात्रा कर रही एक महिला चिकित्सक ने क्रू मेंबर्स की मदद से प्रसव करवाया. जयपुर पहुंचने पर ललिता व उसके बच्चे को अस्पताल में दिखाया गया, जहां उन्हे पूरी तरह स्वस्थ बताया तो वे गांव चले गए. आठवीं कक्षा पास भैरूसिंह की पीड़ा अब यह है कि वह अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना चाहता है. 

लेकिन गांव के सरपंच से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जब बच्चे का जन्म यहां हुआ ही नहीं तो हम प्रमाण पत्र कैसे बना दें. इसका प्रमाण पत्र जयपुर में बनेगा. जयपुर हवाई अड्डे पर वह पिछले कई दिनों से चक्कर लगा रहा है. वह कभी हवाई अड्डा प्रशासन के पास, तो कभी इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों के पास जाता है. 22 दिन से परिवार बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भैरू सिंह धक्के खा रहा, लेकिन अब तक उन्हें कोई समाधान नहीं मिला है. सरकार से भी अब तक कोई बयान नहीं आया है इसको मामले को लेकर.