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BIHAR में पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का हुआ जन्म, 16 साल के इंतजार के बाद इस दंपत्ति के हिस्से में आई संतान की खुशी

BIHAR में पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का हुआ जन्म, 16 साल के इंतजार के बाद इस दंपत्ति के हिस्से में आई संतान की खुशी

PATNA : इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिये पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ है. यह पहला मौका है जब बिहार के किसी सरकारी अस्पताल में इस तरह का कोई कीर्तिमान रचा गया है. आईजीआईएमएस संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल (IGIMS Superintendent Manish Mandal) ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चा पूर्णत: स्वस्थ्य है और बहुत खुशी की बात है कि आईजीआईएमएस के आईवीएफ सेंटर में पहला बच्चा सुरक्षित पैदा लिया है। 

दो साल तक किया इंतजार

टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए सहरसा के मिथिलेश कुमार और अनिता कुमारी ने आईजीआईएमएस में संपर्क किया था. मिथिलेश और अनिता 14 सालों से निःसंतान थे. आईजीआईएमएस संस्थान में डॉक्टरों की एक टीम पिछले तीन साल से इस प्रोजक्ट पर काम रही थी. आखिरकार टीम से मिथिलेश कुमार और अनिता कुमारी ने संपर्क किया। पिछले 2 साल से इलाज करा रहे सहरसा के रहनेवाली जोड़ी मिथलेश और अनिता की खुशी का ठिकाना नहीं था। बच्चे के जन्म के बाद न सिर्फ यह जोड़ी खुश है बल्कि अस्पताल के चिकित्सक भी सफलता पर जश्न मना रहे हैं और एक दूसरे का मुंह मीठा कर रहे हैं।


स्वास्थ्य मंत्री ने साझा की तस्वीरें

बिहार के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी की तस्वीरें खुद खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की है। साथ ही इस कामयाबी के लिए अस्पताल के डॉक्टरों को बधाई दी है।  उन्होंने लिखा है कि आज बिहार के लोगों तो यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है की पटना के IGIMS में बिहार के पहले टेस्ट ट्यूब बच्चे ने जन्म लिया है | मैं IGIMS के सभी चिकित्सकों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।

अस्पताल के डॉक्टरों ने मनाई खुशी

अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल, गायनी विभाग की डॉ निधि, डॉ अनुराधा और एचओडी डॉक्टर कल्पना खुद वॉर्ड में जश्न मनाने पहुंच गए. ये डॉक्टर इसे बड़ी सफलता बता रहे हैं. मिथलेश और अनिता की मानें तो बच्चे के लिए हर जगह इलाज करवाकर थक चुके थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।

 अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि राज्य का IGIMS पहला अस्पताल होगा जहां इस ट्रीटमेंट के जरिये बच्चे का जन्म हुआ है. ऐसे में निःसंतान दम्पति निराश नहीं हों और IVF के जरिये सही इलाज करवाने पर जरूर सफलता मिलेगी. इन्होंने बताया कि काफी सौभाग्य की बात है कि बिहार दिवस के दौरान बच्चे का जन्म हुआ है और IGIMS ने एक इतिहास रचा है।

टेस्ट ट्यूब बेबी और IVF क्या है?

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि पुरुष का शुक्राणु महिला के शरीर में भ्रूण का निर्माण करने के लिए पूरी तरह से उपजाऊ (fertile) नहीं होता है. इस स्थिति में बच्चा पैदा करने के लिए एक कृत्रिम विधि का सहारा लिया जाता है. जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी कहते है. यह पूरी तरह से डॉक्टरों के निगरानी में किया जाता है.

वहीं आईवीएफ एक फर्टिलिटी उपचार है. जिसमें अंडों को शुक्राणु से अप्राकृतिक (artificially) तरीके से मिलाया जाता है. यह प्रक्रिया मेडिकल लैब में नियंत्रित परिस्थितियों में की जाती है. यह प्रक्रिया इंफर्टिल दम्पति और उन लोगों के लिए सहायक है जिनको कोई जनेटिक दिक्कत होता है.


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