अगले महीने में करने जा रही BJP बड़ा सियासी खेल,नीतीश कुमार की नींद हो गई है हराम, तीन का तड़का लगने वाला है

PATNA : नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम में ऐसा लग रहा था कि भाजपा को काफी नुकसान होगा, खास तौर पर बिहार में बीजेपी बिल्कुल अकेली पड़ गई थी। लेकिन, अब बीजेपी ने नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की बड़ी काट तैयार कर ली है। वह भी ऐसी कि जो नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ा सकती है।

इस माह से बिहार में शुरू हो रहा बीजेपी का अभियान

एक तरफ 12 जून को विपक्षी पार्टियां अपनी एकता का सबूत देने के लिए साथ में आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ बिहार में बीजेपी का चुनावी अभियान इसी माह से शुरू होगा। अपने चुनावी अभियान में बीजेपी क्या करने वाली है, इसी महीने से उसके संकेत भी मिलने लगेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने बंगाल और बिहार के दौरे पर निकलने वाले हैं। अभी तक इसकी तारीख तो तय नहीं है, लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश भर में 1000 रैलियों की योजना बनाई है। विपक्षी दलों की 12 जून की बैठक के बाद ही पीएम की रैली की तारीख घोषित होगी। वहीं पीएम के साथ या उसके थोड़ा आगे-पीछे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी बिहार में दौरा होना है।

बात उन तीरों की, जो नीतीश के तीरों को भेदेगी

बीजेपी की तैयारी सिर्फ अपने लिए नहीं है, बल्कि नीतीश कुमार को घेरने की पूरी योजना बनाई गई है। बीजेपी के बड़े नेताओं के बिहार दौरे का पहला उद्देश्य कुछ दलों को अपने साथ जोड़ने की घोषणा करना-कराना है। जेडीयू और दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने का अभियान भी बीजेपी जल्दी ही शुरू करेगी। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलजेडी के एनडीए में शामिल होने की बात पक्की हो गई है। सिर्फ औपचारिक ऐलान होना बाकी है। संभव है कि पीएम मोदी जब बिहार में सभा करने आएंगे तो उनके साथ मंच पर आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी रह सकते हैं। उसी दिन कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने का औपचारिक ऐलान हो सकता है। 

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सहनी भी आएंगे एनडीए में

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ थे। उनके जीते चार विधायकों में तीन तो बीजेपी कोटे के ही थे। बीजेपी ने अपने विधायक बाद में वापस बुला लिए थे। एनडीए ने सहनी को पहली बार एमएलसी बना कर मंत्री पद तो दे दिया था, लेकिन मियाद खत्म होने के बाद उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला। सहनी इसका दोष नीतीश कुमार पर मढ़ते हैं। बीजेपी में जाने के लिए उन्होंने सरकारी बंगला भी तीन हफ्ते पहले खाली कर दिया। सियासी जानकार मानते हैं कि राज्य सरकार ने सहनी को साल भर तक सरकारी बंगले में रहने दिया। उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भी नहीं मिला था। इसके बावजूद अगर उन्होंने बंगला खाली कर दिया है तो इसका संकेत साफ है। वे बीजेपी ज्वाइन करेंगे। वीआईपी सूत्रों के मुताबिक सहनी 25 जुलाई को अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।

मांझी की हम भी शामिल होगी बीजेपी में

बिहार के पूर्व सीएम और हम (से) के नेता जीतन राम मांझी की अमित शाह के मुलाकात के बाद से ही यह चर्चा गर्म है कि वे एनडीए में जाएंगे। इस बीच मांझी के जिस तरह के बयान आए हैं, उससे उनके महागठबंधन छोड़ने की संभावना बलवती हो गई है। मांझी ने महागठबंधन से लोकसभा चुनाव में पांच सीटों की मांग कर दी है। शायद उन्हें भी पता होगा कि महागठबंधन में उन्हें इतनी सीटें मिलना मुश्किल होगा। इसके बावजूद वे अड़े हुए हैं। उनका मान-मनौवल भी हो रहा है।