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भाजपा विधायक ने कर दिया साफ - पशुपति पारस ही लड़ेंगे हाजीपुर से चुनाव, बताया क्यों है ऐसा, चिराग पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप

भाजपा विधायक ने कर दिया साफ - पशुपति पारस ही लड़ेंगे हाजीपुर से चुनाव, बताया क्यों है ऐसा, चिराग पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप

NEW DELHI : हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर अब तक चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच लंबे समय से लड़ाई चल रही है। अब इस लड़ाई में एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा भी कूद गई है। भाजपा के विधायक ललन पासवान ने साफ कर दिया है कि हाजीपुर से चुनाव लड़ने का असली हकदार चिराग पासवान की मां वीणा पासवान नहीं, बल्कि पशुपति पारस ही हैं। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है और साथ ही चिराग पासवान को ब्लैकमेलिंग करने को लेकर जबरदस्त फटकार लगाई है।

चिराग को दी नसीहत

न्यूज4नेशन के साथ बातचीत में भाजपा विधायक ने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना लगाकर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। चिराग को एनडीए के नियमों के बारे में पता नहीं हैं। अभी तक यह भी तय नहीं है कि चिराग पासवान जमुई से चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं। एनडीए की मीटिंग में यह तय होगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। हो सकता है कि चिराग को गया से भी चुनाव लड़ना पड़े।

पशुपति पारस का पूरा समर्थन

भाजपा विधायक ने बताया कि स्व. रामविलास पासवान ने अपने जीवन काल में ही पशुपति पारस को हाजीपुर से चुनाव लड़ाया था। चिराग पासवान को नहीं, साथ ही रामविलास ने पशुपति को हाजीपुर से स्थापित   कराया। यह भी संयोग था कि पारस जी को वहीं मंत्रालय मिला, जिसे रामविलास जी संभालते थे। संसद में भी रामविलास जी की सीट उन्हें मिली। इसलिए पशुपति पारस ही हाजीपुर के असली दावेदार हैं। 

पासवान समाज भी चाहता है पारस बनें उम्मीदवार

ललन पासवान ने दावा किया कि हाल में ही बिहार में पासवान समाज की बैठक में हाजीपुर सीट को लेकर चर्चा हई, जिसमें सभी ने पशुपति पारस को ही हाजीपुर सीट का असली उम्मीदवार बताया। सभी चाहते हैं कि पशुपति पारस चुनाव लड़ें। जहां पारस जी ऐतिहासिक जीत हासिल करेंगे।

कोई उत्तराधिकारी नहीं होता

ललन पासवान ने इस दौरान चिराग पासवान रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी होने की बात को साफ कर दिया कि राजनीति में कोई उत्तराधिकारी नहीं होता। चिराग पासवान अपने पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते हैं, लेकिन राजनीति में रामविलास जी के पदचिह्नों पर चलनेवाले ही उत्तराधिकारी होता है और यह उत्तराधिकारी चिराग नहीं पशुपति पारस हैं।

जहां तक चिराग की बात है तो उन्हें लोकतंत्र की इल्म नहीं है। उन्होंने उतना संघर्ष भी नहीं किया है, जितना संघर्ष पशुपति पारस ने किया है। वह दलितों की बात तो जरुर करते हैं, लेकिन दलितों की चिंता उन्हें नहीं है। 

इस दौरान वीणा पासवान को चुनाव लड़ाने को लेकर ललन पासवान ने चिराग पासवान की इच्छा भाजपा विधायक कहा कि अनंत होती है, इसका मतलब यह नहीं कि वह पूरी हो। वीणा पासवान जी के लिए मेरी श्रद्धा है,लेकिन चुनाव इससे अलग बात है।






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