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मंत्री पद के लिए भाजपा विधायक का छलका दर्द, बोले- जाति और क्षेत्र के आधार पर तय होता है मंत्रिमंडल, CM नीतीश पर भी लगाया क्षेत्रवाद का आरोप

मंत्री पद के लिए भाजपा विधायक का छलका दर्द, बोले- जाति और क्षेत्र के आधार पर तय होता है मंत्रिमंडल, CM नीतीश पर भी लगाया क्षेत्रवाद का आरोप

पटना. भोजपुरी फिल्म 'प्यार काहे बनाया राम ने' के प्रमोशन के दौरान भाजपा विधायक विनय बिहारी का बिहार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करना का दर्द छलका। उन्होंने कहा कि जाति और क्षेत्रवाद के आधार पर मंत्री का पद तय होता है। जो संबंधित विभाग के जानकार हैं, उन्हें उस विभाग का मंत्री नहीं बनाया जाता है। उन्होंने कि श्रेयसी सिंह को बिहार की खेल मंत्री और मुझे कला और सांस्कृतिक मंत्री नहीं बनाया जाना, इसका उदाहरण है।

इस दौरान विनय बिहारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। विनय बिहारी ने सीएम नीतीश पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पटना में बनाया जाना चाहिए, लेकिन इसे नालंदा में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  फिल्म सिटी और स्टूडियो चंपारण और हाजीपुर में बनाये जाने चाहिए, क्योकि फिल्म शूटिंग में तापमान का अहम रौल रहता है, लेकिन इसे राजगीर में बनाया जा रहा है। इस दौरान विनय बिहारी ने यह भी कह दिया कि कला के क्षेत्र में उनसे ज्यादा बिहार और कौन जानता है।


विनय बिहारी ने कहा कि 2014 में मैं कला संस्कृति मंत्री था। उस वक्त मैंने बिहार में फिल्म सिटी और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने के मुद्दे को उठाया था। मेरे मंत्री बनने के आठ साल बाद भी फिल्म सिटी और स्टेडियम का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। मैंने मोइनुल हक स्टेडियम को मॉडलाइज कर अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का आग्रह किया था। फिल्म सिटी के लिए वाल्मीकि नगर को चुना था क्योंकि स्टूडियो में कलाकारों के मेकअप के लिए अनुकूल मौसम बहुत जरूरी है, उसके लिए वाल्मिकी नगर बढ़िया जगह है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये दोनों चीज अपने गृह जिले राजगीर में लेकर चले गए।

फिल्म सिटी को लेकर बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने कहा कि इस मामले में हमसे ज्यादा बेहतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं मालूम होगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने मेरी बात को नहीं सुना और अपने सलाहकारों से राय लेकर दोनों चीजों को राजगीर में कर दिया। आठ साल बीतने के बाद भी अभी तक फिल्म सिटी तैयार नहीं हो पाया यह चिंता का विषय है। 

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