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लोकसभा के सीटों के बंटवारे पर बिहार में बीजेपी की बढ़ेगी परेशानी, उपेंद्र कुशवाहा ने इतने सीटों पर पेश की अपनी दावेदारी

लोकसभा के सीटों के बंटवारे पर बिहार में बीजेपी की बढ़ेगी परेशानी, उपेंद्र कुशवाहा ने इतने सीटों पर पेश की अपनी दावेदारी

PATNA : लोकसभा चुनाव होने में सिर्फ पांच महीने का समय शेष है। लेकिन अभी तक न तो इंडी एलाएंस और न ही एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला हो सका है। विशेष तौर पर बिहार में बीजेपी फिर से सभी सीटों पर जीत के दावे कर रही है। लेकिन उसमें उनसी सहयोगी पार्टियां मुश्किल खड़ी कर सकती है। 

जहां चिराग और चाचा पशुपति पारस के बीच लंबे समय से चल रही लड़ाई एनडीए के लिए परेशानी बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ जदयू से अलग होने के बाद एनडीए में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा भी अपनी पार्टी के लिए बड़ी दावेदारी कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलजेडी ने लोकसभा की आठ सीटों पर दावा ठोक दिया है। उधर तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज कर चुकी बीजेपी की उर्जा बढ़ी हुई है। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में यह सवाल उठने लगा है कि कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा कितना भाव देती है।

आठ सीटों में नियुक्त किए पार्टी प्रभारी

दरअसल, पटना में सोमवार को कुशवाहा की पार्टी रालोजद कीलोकसभा आम चुनाव की तैयारी को लेकर मीटिंग हुई। बैठक में बिहार के 8 लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता ई. शंभूनाथ सिन्हा ने  बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के निर्देश पर लोकसभा क्षेत्र झंझारपुर में चन्दन बागची, सुपौल में रमेश मेहता, मुंगेर में दीपक वर्मा, वाल्मीकिनगर में सुभाष सिंह कुशवाहा, सीतामढ़ी में ठाकुर धर्मेन्द्र सिंह, जहानाबाद में अजय कुशवाहा, काराकाट में सुकुल राम एवं सीवान में रामपुकार सिन्हा प्रभारी बनाए गए है।

आठों लोकसभा क्षेत्र में बड़ी रैली करेगी आरएलजेडी

ई. सिन्हा ने बताया कि जनसभाओं के माध्यम से लोगों को गोलबंद करने की तैयारी है। कहा गया है कि इन आठ  लोकसभा क्षेत्रों में कुशवाहा की पार्टी 2024 के लोक सभा चुनाव के पहले बड़ी  रैली करेगी।  हमारी पार्टी के कार्यकर्ता इसमें अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। लेकिन अभियान के प्रथम चरण में इन आठ लोकसभा सीटों पर पार्टी फोकस करेगी। इन क्षेत्रों में पार्टी की ओर से गहन जनसंपर्क एवं बड़ी रैलियों का निर्णय लिया है।

जदयू की सीटों पर है कुशवाहा की नजर

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के 2014 के लोकसभा चुनाव में  काराकाट  से विजयी हुए थे। हालांकि  2019 में  हार गए और दूसरे नम्बर पर रहे। सीतामढ़ी और जहानाबाद की सीटों पर 2014 के चुनाव में कुशवाहा की उस समय की पार्टी रालोसपा की जीत  हुई थी। झंझारपुर, सुपौल, मुंगेर, वाल्मीकिनगर और सिवान की सीटों पर  2019 में जदयू ने जीत दर्ज किया। इन सीटों पर उपेंद्र कुशवाहा की नजरहै और पार्टी अपने स्तर पर क्षेत्र में काम भी कर रही है।

मांझी ने चार और चिराग-पारस ने मांगी है छह सीटें

गौरतलब है कि बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर भाजपा को अपने सहयोगी पार्टियों रालोजपा, लोजपारा, रालोजद और हम के साथ सीटों का बंटवारा करना है। जिसमें मांझी की हम ने चार, रालोजपा और लोजपारा ने छह-छह सीटों पर दावेदारी की है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा के पास सिर्फ 16 सीटें ही रह जाएंगी


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