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73 दिन पहले आनंद मोहन की रिहाई की मांग कर रही थी भाजपा... अब क्यों बदले सुर, जदयू के नीरज ने कर दिया ‘बेनकाब’

73 दिन पहले आनंद मोहन की रिहाई की मांग कर रही थी भाजपा... अब क्यों बदले सुर, जदयू के नीरज ने कर दिया ‘बेनकाब’

पटना. डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार के फैसले पर भाजपा की आपत्तियों पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने ऐतराज जताया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि  भाजपा शासित गुजरात में बलात्कारियों के जेल से रिहा होने पर उनका माला पहनाकर स्वागत किया गया. अब भाजपा के लोग क़ानूनी नियमों के तहत बिहार में जेल से रिहा किए जा रहे लोगों पर सवाल उठा रहे हैं. भाजपा नेताओं को याद रखना चाहिए कि यह अदालत की अवमानना है. 

नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी मात्र 73 दिन पहले ही आनंद मोहन की रिहाई के पक्ष में बयानबाजी कर रहे थे. अब भाजपा के नेता कुनबे में क्यों बंट गए हैं. सुशील मोदी के नाम से जारी एक पम्पलेट दिखाते हुए नीरज कुमार ने कहा कि इसमें सुशील मोदी ने अपील की है कि आनंद मोहन एनडीएए के पुराने साथी रहे. उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी. उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सकें. हत्याकांड में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. 13 फरवरी 2023 को उन्होंने यह भी कहा कि 14 साल से ज्यादा की सजा काट चुकी हैं. 

भाजपा पर दोषियों की रिहाई को जाति के चश्मे से देखने का आरोप लगाते हुए नीरज ने कहा, बिहार में परिहार बोर्ड की बैठक कर जेल से दोषियों को छोड़ा गया है. लेकिन, भाजपा के लोग न्यायालय को जाति के चश्मे से देख रहे हैं. अलाउद्दीन अंसारी, मोहम्मद सलीम अंसारी, मोहम्मद अख्तर अंसारी, मोहम्मद कुतुबुद्दीन, सिकंदर महतो और अवधेश मंडल ऐसे नाम है जिनको माननीय न्यायालय के आदेश के बाद परिहार बोर्ड के फैसले के आदेश के आलोक में रिहा करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा को न्यायालय की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है.

भाजपा का आरोप कि राजपूत सहित मुस्लिम और यादव वोटों को रिझाने के लिए दोषियों को रिहा करने का फैसला किया गया है इसे नीरज ने बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा, रिहा होने वालों में छ भूमिहार हैं. इसी तरह एक राजपूत है, दो दलित समुदाय के हैं. दो नोनिया के बिरादरी के एक चंद्रवंशी समुदाय के और एक मंडल समुदाय के हैं. इनमें कई की आयु 78 से 85 वर्ष के बीच है. भाजपा से सवाल पूछना चाहेंगे कि क्या ऐसे लोग बूथ लूटेंगे. भाजपा को मालूम चाहिए कि दोषियों की रिहाई के मामले में उनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट ली जाती है उसके बाद उनको छोड़ने पर सहमति बनती है.

नीरज ने कहा कि बिहार के परिहार बोर्ड में कोई भी राजनेता शामिल नहीं है. वहीं गुजरात के परिहार बोर्ड में भाजपा का विधायक शामिल है. भाजपा ने देश को कलंकित किया है. न्यायालय ने जिन लोगों को सामूहिक बलात्कार के दोषी ठहराया था गुजरात में 15 अगस्त को वैसे लोगों रिहा करके और माला पहनाकर के स्वागत किया है. आनंद मोहन की रिहाई पर आईएएस एसोसिएशन की आपत्ति पर नीरज ने कहा कि हमारे संविधान में समानता का अधिकार है. आम और खास के बीच कोई अंतर नहीं होता है. इसलिए किसी खास वर्ग के लिए खास कानून नहीं हो सकता है.  


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