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लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा चलेगी बड़ा दांव... केंद्रीय मंत्री ने कहा - अब बनेगा एक नया राज्य

लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा चलेगी बड़ा दांव... केंद्रीय मंत्री ने कहा - अब बनेगा एक नया राज्य

DESK. लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता ने एक बड़ा दांव खेला है. इसमें उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग को अलग कर एक नया राज्य बनाने की बात की गई है. नए राज्य की बातें करने वाले केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए. इस संसद में जाट समुदाय से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र को अलग राज्य बनाने, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न देने और देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक स्थापित करने की मांग उठाई गई. इसी दौरान बालियान ने कहा, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इसकी राजधानी बननी चाहिए। यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाई कोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है। इसलिए यह मांग पूरी तरह जायज है।"

दरअसल, एक बड़े वर्ग की ओर से लम्बे अरसे से उत्तर प्रदेश को अलग अलग टुकड़ों में बांटकर नए राज्यों के गठन की मांग की जाती रही है. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नए राज्य के जगह देने की मांग भी काफी पुरानी है. राजनीतक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के पहले इस इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ही केंद्रीय मंत्री ने अलग राज्य की मांग की है. हालांकि उसकी इस मांग को भाजपा समर्थन देगी यह मुश्किल प्रतीत होता है. पहले ही कई भाजपा नेता इस प्रकार उत्तर प्रदेश को बांटने पर आपत्ति जता चुके हैं. 

न सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश बल्कि पूर्वांचल के जिलों को जोड़कर भी अलग राज्य बनाने की मांग की जाती रही है. इसके अलावा बुंदेलखंड के इलाके में भी अलग राज्य की मांग उठती रही है. देश में सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करने और विकास योजनाओं का ज्यादा बेहतर क्रियान्वयन करने को लेकर छोटे राज्यों की मांग कई बार की गई है. इसके पहले उत्तर प्रदेश से ही अलग राज्य के रूप में उत्तराखंड बनाया गया था. सयोग से तब भी केंद्र में भाजपा की सरकार थी. अब संजीव बालियान ने फिर से यह मांग उठाकर एक नए सियासी बहस को जन्म दिया है. 


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