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नीतीश कुमार के गेम प्लान से मोदी और राहुल दोनों हैरान, मोदी को भी दे दिया सिग्नल, राहुल गांधी को भी कर रहे हैं खुश

नीतीश कुमार के गेम प्लान से मोदी और राहुल दोनों हैरान, मोदी को भी दे दिया सिग्नल, राहुल गांधी को भी कर रहे हैं खुश

नीतीश ने एक तरफ पीएम मोदी की कर दी तारीफ तो दूसरी तरफ राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने के लिए भर दी हामी

क्या नीतीश कुमार ने एनडीए पर दबाव बनाने के लिए राहुल की यात्रा में शामिल होने की हामी भरी है, आखिरी क्या है नीतीश का गेम प्लान!

LUCKNOW : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर क्या रहे यह बात उन्हें खुद भी पता नहीं है उन्हें खुद नहीं समझ में आ रहा है की करें तो करें क्या? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को धर्म संकट में डाल दिया है। नीतीश कुमार ने एक तरफ जहां कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर पीएम मोदी की तारीफ में ट्वीट किए उनके नाम के कसीदे पढ़े...तो दूसरी तरफ राहुल गांधी की पूर्णिया में होने वाली रैली में जाने के लिए हामी भी भर दी है। अब ऐसे में राजनीतिक पंडितों का माता चकरा गया है किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर नीतीश कुमार करना क्या चाहते हैं नीतीश कुमार के पैंतरे से हर कोई हैरान और परेशान हो गया है। 

उधर बीजेपी स्वागत के लिए पलके बिछाए बैठी है तो वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी भी नीतीश कुमार को मनाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं...राजनीति के चाणक्य कहे जाने नीतीश कुमार हर दिन अपनी राजनीति के अलग रंग दिखाते रहते हैं। कभी भाजपा की बड़ाई कर महागठबंधन के नेताओं को परेशान कर देते हैं तो कभी अचानक राज भवन जाकर लालू यादव की धड़कन तक रोक देते हैं। राजनीतिक इतिहास में आज तक किसी ने ऐसा नेता नहीं देखा नीतीश कुमार अगर दरवाजा बंद कर देते हैं तो हल्की सी खिड़की खोलकर रखते हैं... ताकि उस हल्की सी खिड़की से जगह बनाने में आसानी हो और उसे दरवाजा बनाया जा सके... 

भारतीय जनता पार्टी के लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि नीतीश कुमार अब जल्द ही एनडीए का हिस्सा हो जाएंगे यह चर्चा आम हो चुकी थी लेकिन फिर एकदम से नीतीश कुमार ने वक्त बदल दिया जज्बात बदल दिया...नीतीश कुमार ने नया पैंतरा दिखाते हुए उन भाजपाइयों को संशय में डाल दिया है। खासकर उन भाजपाइयों को जिन्हें भर-भर कर उम्मीद थी की आगामी लोकसभा चुनाव जदयू और भाजपा साथ साथ लड़ेंगे। दरअसल, हुआ यह कि सीएम नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की एक जनसभा में जाने के लिए हां कह दी है। वह अपने करीबी नेताओं के साथ 30 जनवरी को पूर्णिया में आयोजित आम सभा में शामिल हो कर राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करेंगे। दूसरी तरफ सीएम नीतीश ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर अपने पहले ट्वीट का डिलीट कर दोबारा से ट्वीट किया और उसमें खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा। 

अब ऐसे में नीतीश कुमार के खेल को कोई समझ नहीं पा रहा है... राजनीति पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार एनडीए पर दबाव बनाने के लिए राहुल गांधी की रैली में शामिल होने के लिए हामी भरी है ताकि एनडीए उनकी शर्तों को मान सके...कहा यह जा रहा है कि एनडीए में शामिल होने की जितनी शर्त रखी गई हैं, उनमें अधिकांश भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को स्वीकार है। पर जदयू की एक महत्वपूर्ण शर्त पर भाजपा की ना नुकुर चल रही है। दरअसल, जदयू की तमाम शर्त के साथ एक बड़ी और अनिवार्य मांग यह है कि राज्य में विधान सभा और लोकसभा का चुनाव साथ-साथ हो। 

अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के इस शर्त को मानने से इनकार कर रही है लोकसभा का बड़ा चुनाव है भाजपा अपना फुल फोकस लोकसभा चुनाव पर करना चाह रही है... विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार बीजेपी को जोर का झटका दे चुके हैं इसलिए इस बार बीजेपी सतर्क है हालांकि इंडिया गठबंधन को कमजोर करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में वह नीतीश कुमार को अपने दल में शामिल करने के लिए तैयार है यहां तक कि नीतीश कुमार के हर शर्त को भी मान लिया है लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी चाणक्य नीति से बीजेपी को संकट में डाल दिया है...

राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि नीतीश कुमार को बिहार विधान सभा में तीसरी बड़ी पार्टी बन जाना काफी अखर गया है। 115 विधायकों की संख्या वाली जदयू वर्तमान में 43 विधायकों के साथ आगामी कोई राजनीतिक डील नहीं करना चाहती। हो यह रहा है कि कम विधायकों के बाद भी सीएम नीतीश कुमार बन तो गए, पर राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा ज्यादा हुई कि भाजपा बड़े भाई की भूमिका में रहते हुए भी इस फैसले के लिए कैसे तैयार हो गई। और भाजपा तैयार भी हुई तो नीतीश कुमार ने बीजेपी को बीच में ही करंट दे दिया अब ऐसे में भारतीय जनता पार्टी दोबारा यह गलती दोहराने नहीं चाहती है..

REPORTED BY ASIF KHAN

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