पटना - के के पाठक जब से शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाए गए हैं तब से उनका और विवाद का चोली दामन का संबंध हो गया है. कभी शिक्षा मंत्री से तानातनी तो कभी शिक्षकों की छुट्टियों की कटौती को लेकर बवाल, कभी राजभवन से टकराव को लेकर केके पाठक लगातार सुर्खियों में रहे हैं. तो अब ताजा मामला बीपीएससी शिक्षक बहाली के डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया से शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर शुरु हो गया है. पूर्व में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने बीपीएससी सचिव को पत्र लिख कर नियमावली का हवाला देते हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रमाण पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर आपत्ति जताई थी और कर्मियों को तुरंत कार्य मुक्त करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बिना नाम लिए केके पाठक को कठघरे में खड़ा करते हुए सोशल साइट एक्स पर करारा हमला किया है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा है कि इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्होनें तल्ख टिप्पणी करते हुए लिखा है कि कुछ तत्व शिक्षक बहाली परीक्षा की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को रद्द करवाना चाहते हैं.
बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पाठक का नाम लिए बिना हमला करते हुए कहा कि सरकार ने खुद ही पहले अफसरों की ड्यूटी लगाई और बाद में बदल दिया.इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो तत्व हमारी शिक्षक बहाली परीक्षा की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को रद्द कराना चाहते हैं, उन्हे और मेहनत करनी चाहिए.
बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने एक्स पर किए पोस्ट में कियी का नाम नहीं लिखा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि उन्होंने सीधा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर निशाना साधा है.
बहरहाल केके पाठक का कुलपतियों को लेकर राजभवन से हुआ विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि शिक्षा विभाग के शिक्षक बहाली परीक्षा की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शिक्षकों,अधिकारियों के अलग होने के निर्णय का विवाद शुरु हो गया है. अब बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आमने सामने है, देखना होगा इस विवाद का पटाक्षेप कैसे होता है.