BREAKING NEWS: दो नामों में बंट गई रामविलास पासवान की पार्टी, चुनाव आयोग ने किया नामकरण, इसमें भी बाजी मार गए ‘पारस’

NEW DELHI: बिहार विधानसभा उपचुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आय़ोग के पास फंसा लोजपा के नाम और चुनाव चिन्ह पर अधिकार का मामला कुछ हद तक सुलझ गया है। शनिवार को भारत निर्वाचन आयोग ने लोजपा का आधिकारिक नाम और चुनाव चिन्ह बंगला को फ्रीज कर दिया था और दोनों ही गुटों को इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि अब लोजपा के दोनों गुट, चिराग औऱ पशुपति पारस गुट को नया नाम और चुनाव चिन्ह मिल गया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने चिराग गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम के साथ हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह अलॉट किया है। वहीं पारस गुट को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन अलॉट हुआ है। अब दोनों ही गुट अपने-अपने नाम औऱ चुनाव चिन्ह के साथ बिहार विधानसभा के उपचुनाव में उम्मीदवारी प्रस्तुत कर सकते हैं। चिराग पासवान ने पहले ही बिहार विधानसभा उपचुनाव में उतरने की पेशकश की थी और चुनाव आयोग के अचानक लिए गए कदम से वह थोड़ा ठिठक गए थे।
विदित हो कि पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही उनकी पार्टी लोजपा बिखर गई थी। एक तरफ जहां चाचा पशुपति पारस ने चिराग को लगभग बेदखल करते हुए पार्टी पर अपना हर जताना शुरू कर दिया था। जिसको लेकर चिराग पासवान ने केंद्र सरकार से लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग तक को गुहार लगाई थी। पहले से ही चाचा-भतीजे के सुर मिल नहीं रहे थे औऱ पार्टी सहित आधिकारिक सिंबल पर दोनों अपना दावा ठोक रहे थे। जिसपर विवाद बढ़ने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने इसमें दखल दिया और नाम सहित सिंबल को फ्रीज कर दिया। इसके बाद दोनों गुटों को अलग-अलग नाम औऱ सिंबल दे दिए गए हैं, जिसके जरिए यह दोनों बिहार विधानसभा उपचुनाव में पहचाने जाएंगे।