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BREAST CANCER: जागरूकता की कमी से आज भी महिलाएं सह रही असहनीय पीड़ा, जानें लक्षण, बचाव और निदान के अचूक अपाय- DR RIDU KUMAR SHARMA

BREAST CANCER: जागरूकता की कमी से आज भी महिलाएं सह रही असहनीय पीड़ा, जानें लक्षण, बचाव और निदान के अचूक अपाय- DR RIDU KUMAR SHARMA

N4N DESK: कैंसर- एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। इसे साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि यह चुपके से शरीर में घर करता है और धीरे-धीरे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर शरीर को जीर्ण-क्षीण कर देता है। ज्यादातर लोगों को आखिरी स्टेज पर आकर ही कैंसर के बारे में पता चलता है। इन्हीं में से एक है- ब्रेस्ट कैंसर। नाम से ही पता चलता है कि यह महिलाओं से संबंधित बीमारी है। हालांकि हर बीमारी की तरह इसके लक्षण भी महिलाएं तबतक अनदेखा करती रहती हैं, जबतक यह गंभीर और असहनीय नहीं हो जाता। आंकड़ो पर नजर डालें तो भारत में हर 8 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर होता है, और ज्यादातर समय उसे इसका अंदाजा भी नहीं होता।

बिहार के प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषग्य व मगध कैंसर सेंटर के निदेशक डॉ रिदु कुमार शर्मा ने बताया कि लोग सजग बीमारी होने के बाद होते हैं, उसके पहले नहीं। यद‍ि हम किसी बीमारी से बचने के ल‍िए पहले से ही सतर्कता बरतें तो इससे हम अपने साथ-साथ दूसरों की परेशानी को भी दूर कर सकते हैं। हालांकि एक बात यह भी गौर करने वाली है कि स्तन कैंसर पुरूषों में भी होता है, मगर काफी कम केस ही सामने आते हैं। हमारे जीवनकाल में ही कई ऐसे कारक होते हैं, जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके ल‍िए हमें खुद को और ज्‍यादा इसके प्रति एक्टिव रहने की ज़रूरत है। इस बीमारी का मुख्‍य कारण वैसे तो हमारी जीवनशैली और हेरिडिटी को माना गया है।

क्या है ब्रेस्ट कैंसर?

मगध कैंसर सेंटर के निदेशक डॉ रिदु कुमार शर्मा बताते हैं कि स्तन शरीर का एक अहम अंग है। स्तन का कार्य अपने टिश्यू से दूध बनाना होता है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट कैंसर वाहनियों में छोटे सख्त कण जमने लगते हैं या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ बनती है, तब कैंसर बढ़ने लगता है। सीधे शब्‍दों  में समझें तो स्‍तनमें किसी भी तरह की गांठ या सूज कैंसर का रूप ले सकता है। ऐसे में आपको सबसे पहले डॉक्‍टर से परामर्श लेने की ज़रूरत है। 

क्या होते हैं इसके पहले संकेत

डॉ रिदु कुमार शर्मा का कहते हैं कि अगर इसके संकेतों के बारे में बात करें , तो आपको स्तन या बांहो के नीचे गांठ बनना, निप्पल के आकार या स्तन के आकार या फिर स्किन में बदलाव, स्तन का सख़्त होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना, स्तन में दर्द, स्तन या निप्पल पर त्वचा का छीलना, अंडर आर्म्स में गांठ होना स्तन कैंसर के कुछ संकेत हैं। यदि आपको कुछ ऐसे संकेत महसूस होते हैं, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है।

स्तन कैंसर के विभिन्न स्टेज/चरण

स्टेज 0: दूध बनाने वाली कोशिकाओं में बना कैंसर सीमित रहता है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं जाता।

स्टेज 1: कैंसर वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और यह शरीर की बाकी हेल्दी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरु कर देती हैं। यह स्तन में मौजूद वसा वाली कोशिकाओं तक भी फैल सकते हैं।

स्टेज 2: कैंसर इस श्रेणी में आकर बहुत तेजी से बढ़ना शुरु हो जाता है और शरीर के बाकि भागों में भी फैल जाता है और पूरे शरीर पर पकड़ बना लेता है।

स्टेज 3: इस श्रेणी में आने तक कैंसर मानव की हड्डियों में पहुंचकर उन्हें प्रभावित करना शुरु कर देता है। इसी के साथ कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका होता है, जो इसके इलाज को दुर्गम बनाता है।

स्टेज 4: इस श्रेणी में आकर कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है क्योंकि चौथी श्रेणी में आते-आते कैंसर लिवर, फेफड़ों, हड्डियों और मस्तिष्क में भी पहुंच चुका होता है।

क्या हैं इस बीमारी के उपचार

हालांकि कैंसर लाइलाज बीमारी है, मगर साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि बहुत हद तक इस बीमारी से पीछा छुड़ाया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के भी कई साधन हैं, जैसे कि दूसरे कैंसर केसों में प्रयोग होते हैं, जैसे - कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी आदि । परंतु अगर केस हाई रिस्क वाला है तो समय-समय पर लक्षणों की जांच की जानी चाहिए और इससे कैंसर की श्रेणी का जल्द से जल्द पता लगने और बेहतर रिकवरी होने की संभावना होती है।

कैंसर के खतरे को कैसे कम करें

कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता है कि उसे कोई बीमारी हो, हालांकि रिसर्च की बात करें तो कई ऐसे तरीके हैं जिससे इस खतरे को कम किया जा सकता है। नियमित खानपान, स्वस्थ जीवनशैली सहित कई अन्य ऐसे उपाय हैं, जिससे स्तन कैंसर को खतरे को कम किया जा सकता है।

  • नियमित व्यायाम- योग, व्यायाम को अपने जीवनशैली में शामिल करना बेहद ही फायदेमंद है। व्यायाम कभी भी शरीर के लिए बुरा नहीं होता, यदि यह सही तरीके से किया जाए।
  • धूम्रपान-शराब को कहें ना- धूम्रपान और मदिरापान को शुरू से ही जीवनशैली से अलग रखें। आज के वक्त में इसका सेवन काफी आम हो गया हैं, मगर इससे दूरी ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
  • गर्भनिरोधक गोलियों से दूरी- 35 की उम्र के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन ना करना ही उचित है। हालांकि इसके उपयोग हैं, मगर जब एक उम्र के बाद महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।
  • स्तनपान है जरूरी- स्तन कैंसर की रोकथाम में स्तनपान की अहम भूमिका होती है। आप जितने अधिक समय तक स्तनपान करेंगी, उतना अधिक समय पर आप इस खतरे का रोक पाएंगी। 
  • खानपान हो हेल्दी- ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव के लिए आप संतुल‍ित आहार का सेवन करें। अपने आहार में फल, जूस और हरी सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं। कार्बोहाइड्रेट को अपनी डाइट में कम करें। इससे मोटापा बढ़ता है। आप बाहर का पैक्‍ड पेय पदार्थ, जैसे कि जूस और कोल्‍ड ड्रिंक का सेवन करने से बचें।

            

                      डॉ रिदु कुमार शर्मा 

              मगध कैंसर सेंटर के निदेशक

           

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