बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बीएसएससी प्रथम इंटरस्तरीय बहाली सात साल बाद भी नही हुई पूरी, आयोग के कछुआ चाल से अभ्यर्थी परेशान

बीएसएससी प्रथम इंटरस्तरीय बहाली सात साल बाद भी नही हुई पूरी, आयोग के कछुआ चाल से अभ्यर्थी परेशान

PATNA : बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा राज्य के विभिन्न विभागों हेतु 13120 पदों के लिए प्रथम इंटर स्तरीय बहाली  सितंबर 2014 मे निकाली गई थी। लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी बहाली पूरी नही हुई है।  परीक्षार्थियों द्वारा कई बार BSSC ऑफिस के बाहर आंदोलन किया गया है लेकिन आयोग असंवेदनशील बनी हुई है और छात्रों के साथ लगातार अन्याय कर रही है। प्रथम इंटर स्तरीय बहाली की पीटी परीक्षा पहली बार 29 जनवरी 2017 से फरवरी 2017 तक चार चरणों मे होनी थी। लेकिन पेपरलीक के कारण उग्र छात्र आंदोलन के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई। इस पेपरलीक मे संलिप्तता की वजह से BSSC के तत्कालीन सचिव परमेश्वर राम और सुधीर कुमार सहित कई लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया।  दोबारा पीटी परीक्षा दिसंबर 2018 मे हुई। 

छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि पीटी के रिजल्ट के लिए 17 जनवरी 2020 को BSSC ऑफिस मे सुबह से शाम तक लगातार छात्र आंदोलन करना पड़ा। जिसके बाद उसी दिन देर शाम को BSSC ने नोटिस जारी किया कि 20 फरवरी से पहले पीटी का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा। 14 फरवरी 2020 को पीटी का रिजल्ट प्रकाशित हुआ। आंदोलन के बाद ही 25 दिसंबर 2020 को मुख्य परीक्षा ली गई। लगभग 62 हजार परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा मे शामिल हुए। 25 फरवरी 2021 को न्यूनतम क्वालिफाईंग मार्क्स के आधार पर लगभग 52 हजार परीक्षार्थियों को आगे के चरण के लिए सफल घोषित किया गया। आंदोलन के बाद ही 13 जुलाई से 13 अगस्त 2021 तक टंकण,आशुलिपि एवं शारीरिक दक्षता जांच परीक्षा आयोजित की गई। अब परीक्षार्थी काउंसलिंग और फाइनल रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं लेकिन BSSC द्वारा इस संबंध मे सुस्त रवैया अपनायी जा रही है और सही से कोई सूचना नही दी जा रही है। उल्टे परीक्षार्थियों को आंदोलन नही करने की चेतावनी और धमकी दी जा रही है। दिलीप कुमार ने कहा कि BSSC का ये नोटिस असंवैधानिक है और मौलिक अधिकारों का हनन है क्योंकि अपने हक और अधिकार के लिए शांतिपूर्वक आंदोलन करना मौलिक अधिकार है जो संविधान मे दिया गया है। 

राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने BSSC और बिहार सरकार से मांग किया है कि हजारों स्टूडेंट्स के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए इस बहाली को जल्द पूरा करें क्योंकि सात साल बीत चुका है। पचास हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। सात साल मे एक बहाली को पूरा नही करना एक बहुत बड़ा अपराध है। इन सात सालों मे हजारों अभ्यर्थियों की उम्र समाप्त हो गई है और वे अब किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नही दे सकते। बीएसएससी को मानवीय रूख अपनाते हुए एक सप्ताह के अंदर इस बहाली के काउंसलिंग से संबंधित नोटिस जारी करना चाहिए। अगर आयोग ऐसा नही करती है तो एक सप्ताह के बाद तमाम परीक्षार्थी बीएसएससी ऑफिस मे एक बड़ा आंदोलन करेंगे। 

अब परीक्षार्थियों के धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है। इन सात सालों मे नीतिश कुमार चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं और दो बार गठबंधन बदल चुके हैं लेकिन ये बहाली पूरी नही हुई है। इस बहाली के पूरा ना होने से बिहार का विकास कार्य भी बाधित हो रहा है क्योंकि इस बहाली के द्वारा बिहार के सभी जिलों के विभिन्न विभागों मे 13120 पदों पर बहाली होनी है। लेकिन सात साल से ये बहाली लटकी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को BSSC के सचिव और अध्यक्ष से बात करके इस बहाली को जल्द पूरा करने का आदेश देना चाहिए। 2014 के बाद सचिवालय सहायक की वैकेंसी भी नही आयी है।

पटना से रंजन की रिपोर्ट 

Suggested News