बोले सुशील मोदी - सरकारी कर्मियों को एक कवच मिला था, कानून बदलकर आपने उनकी जान को खतरे में डाल दिया

PATNA : 'बात सिर्फ एक लाइन के कानून को खत्म करने की नहीं है, वह एक लाइन का कानून सभी सरकारी कर्मियों, पुलिसकर्मियों, अधिकारियों को यह विश्वास दिलाता था कि अगर उन्हें कुछ होता है तो अपराधी कभी जेल से बाहर नहीं आ सकता है। लेकिन नीतीश कुमार ने अपने ही सरकारी कर्मियों को दी गयी यह सुरक्षा खत्म कर दी है।' यह कहना है बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का। 

न्यूज4नेशन के साथ बात करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि लोक सेवकों की हत्या को बलात्कार, हत्या के बराबर जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया था। लेकिन यह कानून खत्म कर नीतीश कुमार ने इसे सामान्य अपराध की श्रेणी में लाकर रख दिया गया। यानि कल यह भी बलात्कार, हत्या या आतंकी हमले में हत्या को भी सामान्य अपराध के रूप में शामिल कर देंगे। 

खुद किया था संशोधन

सुशील मोदी ने बताया 2016 में कानून में संशोधन में किया था। जिसमें उन्होंने यह संशोधन किया था कि जघन्य अपराध में शामिल लोगों को 20 साल की सजा होने के बाद भी उनकी रिहाई के लिए विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने खुद यह कड़ा कानून बनाया था, इस कानून से कर्मचारियों को एक कवच मिला था कि ड्यूटी के दौरान उनकी हत्या होती है तो वैसे अपराधियों को रिहा नहीं किया जाएगा। लेकिन उन्होंने अपने ही कानून को खत्म कर लाखों सरकारी कर्मियों की जान को खतरे में डाल दिया। जिन अपराधियों को यह डर था कि अगर वह किसी कर्मी की हत्या करते हैं तो उन्हें 20 साल जेल में गुजारना होगा। लेकिन अब यह डर खत्म हो गया है, अब आसानी  से सरकारी कर्मियों की हत्या की जा सकती है।

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कभी नहीं कहा कानून बदल दो

सुशील मोदी ने नीतीश कुमार के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मैनें कभी नहीं कहा कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए आप कानून बदल दो, मैनें सिर्फ उनकी रिहाई की मांग की थी। बता दें कि आज नीतीश कुमार ने सुशील मोदी पर यह आरोप लगाया था कि वह खुद ही आनंद मोहन की रिहाई की मांग कर रहे थे।