PATNA : पटना हाईकोर्ट ने अभी हाल में ही एक निर्णय में स्पष्ट किया कि पति द्वारा पत्नी को भूत पिशाच कहना क्रूरता की श्रेणी में नहीं आता है।जस्टिस विवेक चौधरी ने पति पत्नी के बीच वैवाहिक संबंधों से जुड़े एक मामलें पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत द्वारा दोषी करार कर पति को दिये गये सजा को रद्द किया।
कोर्ट ने पति पत्नी के बीच झगड़े व दहेज़ उत्पीड़न के से जुड़े मामलें पर सुनवाई की।कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक संबंधों, ख़ासकर असफल वैवाहिक संबंधों में ऐसी घटनाएँ होती है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे माहौल में पति पत्नी आपस में गंदी भाषाओं का प्रयोग करते है,ऐसे आरोप को क्रूरता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। इस दौरान कोर्ट ने 498 ए और दहेज़ निषेध अधिनियम, 1961 के तहत एक पति को निचली अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा को रद्द कर दिया।
हाईकोर्ट ने प्रतिवादी पत्नी के उन आरोपों को ख़ारिज कर दिया,जिसमें पत्नी ने अपने पिता को पत्र लिख कर अपने पति द्वारा दी जा रही यातनाओं के सम्बन्ध में लिखा था।
जब हाईकोर्ट प्रतिवादी पत्नी से इस सम्बन्ध में सबूत मांगे,तो वह सबूत नही दे पायी।कोर्ट में दहेज़ मांगने के मामलें में कार मांगने के सम्बन्ध में भी सबूत नही प्रस्तुत कर पायी।कोर्ट ने निचली अदालतों द्वारा पति को विभिन्न कानूनों के तहत दी गयी सजा को रद्द कर दिया।