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बिहार में जाति गणना हुआ है फर्जीवाड़ा... भाजपा सांसद रविशंकर का दावा- उनके घर नहीं हुई गणना, नीतीश सरकार से कर दी बड़ी मांग

बिहार में जाति गणना हुआ है फर्जीवाड़ा... भाजपा सांसद रविशंकर का दावा- उनके घर नहीं हुई गणना, नीतीश सरकार से कर दी बड़ी मांग

पटना. भाजपा ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने कहा है कि जाति गणना में बिना सभी लोगों से मिले रिपोर्ट बना दी गई और कई जातियों की संख्या को कम बता दिया है. जाति गणना पर यह गंभीर सवाल बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उठाया. उन्होंने कहा कि जाति गणना में फ़र्ज़ीवाड़ा हुआ है. रविशंकर ने दावा किया कि उनके घर जनगणना के लिए एक टीम आई थी लेकिन वह गेट से वापस चली गई. यहां तक कि गणना करने वाले ने उनका हस्ताक्षर भी नहीं लिया. उन्होंने कहा कि वे पटना साहिब के सांसद हैं. जब उनके साथ ऐसा हुआ है तो बिहार के अन्य लाखों लोगों के साथ इसी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ होगा. 

रविशंकर प्रसाद ने जनगणना का फॉर्मेट दिखाकर नीतीश कुमार से सवाल किया कि इसमें कई प्रकार की खामियां हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि कितने परिवारों से फॉर्म पर इंट्री कराई गई. परिवार के मुखिया के हस्ताक्षर लिए गए. बिहार की जाति गणना को रविशंकर प्रसाद ने अति पिछड़ा को खंडित करने की कोशिश बताया. उन्होंने कहा कि इसमें जातियों की गलत जानकारी है. रविशंकर प्रसाद ने रिकॉर्ड जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछड़ों और अति पिछड़ों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन जाति आधारित गणना में फर्जीवाड़ा हुआ है. इस सर्वे में बहुत खामियां हैं. इसलिए हम नीतीश सरकार से पूरा रिकॉर्ड जारी करने की मांग करते हैं. साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार को आर्थिक आधार के आंकड़े भी जारी करने कहा है.  

दरअसल, बिहार में सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फीसदी है. वहीं पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12 फीसदी, अनुसूचित जाति यानी दलित की आबादी 19.65 फीसदी, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. वहीं अनारक्षित यानी सवर्ण वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है.

जातिवार देखें तो बिहार में कुल 215 जातियों की गिनती हुई है। इसमें 1 परसेंट से ज्यादा आबादी वाली जातियों की 13.07 करोड़ की आबादी में हिस्सेदारी देखें तो यादव सबसे आगे हैं। बिहार की आबादी में शेयर के हिसाब से यादव- 14.27%, दुसाध, धारी, धरही- 5.31%, मोची, चमार, रविदास- 5.26 %, कुशवाहा (कोइरी)- 4.21%, ब्राह्मण- 3.66%, मोमिन- 3.55%, राजपूत- 3.45%, शेख- 3.82%, मुसहर- 3.09%, कुर्मी- 2.88%, भूमिहार- 2.87%, तेली- 2.81%, मल्लाह- 2.61%, बनिया- 2.32%, कानू- 2.21%, धानुक- 2.14%, नोनिया- 1.91%, सुरजापुरी मुस्लिम- 1.87%, पान, सवासी, पानर- 1.70%, चन्द्रवंशी- 1.65%, नाई- 1.59%, बढ़ई- 1.45%, धुनिया- 1.43%, प्रजापति- 1.40% और कुंजरा- 1.40% हैं। सवर्ण जातियों में कायस्थ की आबादी एक परसेंट से कम 0.60 परसेंट के आसपास आई है। 

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