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सावधान: झीलों और नदियों में तैरने के शौकीन हो जाए सावधान, अमीबा का संक्रमण बढ़ा, एक बच्चे की मौत से मचा हड़कंप, अब तक 22 लोगों की जा चुकी है जान

सावधान: झीलों और नदियों में तैरने के शौकीन हो जाए सावधान, अमीबा का संक्रमण बढ़ा, एक बच्चे की मौत से मचा हड़कंप, अब तक 22 लोगों की जा चुकी है जान

दिल्ली- नेगलेरिया फाउलेरी  अमीबा से लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है. केरल में इससे एक बालक की मौत हो गई है. अमीबा एककोशिकीय जीवित जीव है, यह इतना छोटा है कि इसे केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है आमतौर पर ये जीव झीलों, नदियों और झरनों के ताजे पानी में पाया जाता है.  अमीबा नेगलेरिया प्रजाति का है जिसकी केवल एक प्रजाति नेगलेरिया फाउलेरी  ही लोगों को संक्रमित करती है.

जब अमीबा  पानी के साथ  नाक के जरिए शरीर में जाता है तो यह लोगों को संक्रमित करता है. दूषित पानी पीने से लोग नेगलेरिया फाउलेरी यानी अमीबा से संक्रमित नहीं हो सकते. यह आमतौर पर तब होता है जब लोग झीलों और नदियों में तैरते हैं, गोता लगाते हैं. अमीबा नाक से घुसता है और मस्तिष्क तक जाता है, जहां यह मस्तिष्क टिश्यू को नष्ट कर देता है. अमीबा से प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक संक्रमण होता है, जो कि जानलेवा है.

प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस  नेगलेरिया फाउलेरी यानी अमीबा के कारण होने वाला एक गंभीर मस्तिष्क संक्रमण है. यह संक्रमण इतना दुर्लभ है कि इसका पता लगाना मुश्किल है, कभी-कभी रोगी की मौत के बाद ही इस बात का पता चलता है कि वह संक्रमित हुआ है. 

नेगलेरिया फाउलेरी संक्रमण के लक्षण  आमतौर पर 5 दिन बाद शुरू होते हैं, लेकिन ये 1 से 12 दिनों के भीतर भी दिखाई दे सकते हैं. इसमें सिरदर्द, बुखार, मतली या उल्टी होती है। संक्रमण बढ़ने पर लक्षणों में गर्दन में अकड़न, दौरे, मस्तिष्क का काम न करना और कोमा शामिल हैं. लक्षण शुरू होने के बाद, रोग तेजी से बढ़ता है और आमतौर पर 1 से 18 दिनों के भीतर मृत्यु हो सकती है.

अब तक केरल से लेकर हरियाणा और चंडीगढ़ तक 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से छह मौत 2021 के बाद दर्ज की गईं. केरल में पहला मामला 2016 में सामने आया तब से अब तक यहां आठ मरीज मिले हैं और सभी की मौत हुई। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, साल 2019 तक देश में इस बीमारी के 17 मामले सामने आए लेकिन कोरोना महामारी के बाद कई तरह के संक्रमणों में उछाल देखने को मिला है. इसलिए शायद अचानक से बढ़ी इस बीमारी के पीछे यह एक कारण हो सकता है। 26 मई 2019 को हरियाणा में एक आठ माह की बच्ची में यह बीमारी सामने आई.

मिट्टी से होता हुआ यह नदी या तालाब में पहुंचता है जिसके संपर्क में, नहाने या फिर गोता लगाने से यह अमीबा नाक और मुंह के जरिये इन्सान के शरीर तक पहुंचता है. यह नर्वस सिस्टम के माध्यम से मस्तिष्क में चला जाता है जिससे मस्तिष्क के ऊतकों में गंभीर सूजन होती है फिर ये उत्तक नष्ट होने लगते हैं. 


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