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सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट ने किया वेबिनार का आयोजन, स्वच्छ वायु कार्य योजना पर हुई चर्चा

सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट ने किया वेबिनार का आयोजन, स्वच्छ वायु कार्य योजना पर हुई चर्चा

PATNA : सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने राजधानी पटना में स्वच्छ वायु कार्य योजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) को वास्तविक धरातल पर बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के मुद्दे पर रचनात्मक विमर्श के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें इस कार्य योजना की कमियों को दुरूस्त करने के लिए सुदृढ़ रणनीतियों को अमल में लाने पर चर्चा की गयी। सीड के 'क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क' (कैन) के तत्वावधान में आयोजित इस परिचर्चा में पटना और समीपवर्ती इलाकों के 40 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिक समूहों ने स्वच्छ एवं सांस लेने योग्य हवा बहाल करने के लिए साथ मिल कर काम करने का संकल्प लिया और वायु प्रदूषण नियंत्रण में सभी सरकारी विभागों एवं क्रियान्वयन एजेंसियों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए ठोस कदम उठाने पर बल दिया। 

विदित हो कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अनुरूप वर्ष 2019 में राज्य सरकार द्वारा पटना के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया और इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण को 20-30 प्रतिशत तक कम करना है। हालांकि, दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पटना में जमीनी स्तर पर ज्यादा काम देखने को नहीं मिला है और यह अब भी देश के प्रमुख प्रदूषित शहरों में गिना जाता है। पिछले 5 वर्षों के आंकड़ों का निष्कर्ष है कि पटना में 2016 से वायु प्रदूषण की स्थिति बढ़ती जा रही है। सीड द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट 'एम्बियंट एयर क़्वालिटी असेसमेंट' के अनुसार बीते 7 माह (जनवरी से जुलाई, 2021) में पटना में हवा की गुणवत्ता कुल दिनों में केवल 7 दिन (3 प्रतिशत दिन) ही 'अच्छी' रही, जबकि 97 प्रतिशत दिनों में यह सांस लेने के लायक नहीं थी। जनवरी में पीएम 2.5 की औसत सघनता 130 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर थी, जबकि फरवरी और मार्च में यह क्रमश: 114 और 98 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर पायी गयी। अप्रैल और मई माह में यह क्रमशः 89 और 39 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर आंकी गयी। हालाँकि जून और जुलाई में (क्रमशः 33 एवं 25 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर) में कमी दर्ज की गयी, लेकिन समग्र तौर पर जिले में वायु प्रदूषण में लगातार वृद्धि और इससे जुड़ा गंभीर स्वास्थ्य संकट चिंता का विषय बना हुआ है। 

एनफोर्समेंट एजेंसियों से क्लीन एयर एक्शन प्लान के ठोस क्रियान्वयन की अपील करते हुए सीड में सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ज्योति ने कहा कि 'शहर की वायु गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार के लिए एक्शन प्लान का उचित क्रियान्वयन और निगरानी बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में संबंधित एजेंसियों की तरफ से दीर्घकालिक समाधान के कई कदम उठाये जाने चाहिए जैसे - वायु गुणवत्ता लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रभावी जवाबदेही तंत्र सुनिश्चित करना, उठाये गये कदमों को प्रभावी बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रोत्साहित करना, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में प्रस्तुत कार्य योजना की त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट को सार्वजनिक करना और जन-जागरूकता कार्यक्रम को नए सिरे से बढ़ावा देना।" उन्होंने आगे बताया कि चूँकि पटना के प्लान में प्रदूषक स्रोतों एवं बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के लिए 14 सरकारी विभागों एवं एजेंसियों के लिए 51 तात्कालिक, मध्यम और दीर्घकालिक एक्शन प्वाइंट्स तय किए गए हैं, ऐसे में शहर की हवा स्वच्छ करने के लिए इन विभागों एवं एनफोर्समेंट एजेंसियों के बीच समन्वय और कन्वर्जेन्स बेहद जरूरी है।

इस अवसर पर क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन)-पटना की एक सदस्य और तरुमित्र संस्था से जुड़ी देवोप्रिया दत्ता.ने कहा कि 'यह समय की मांग है कि शहर में स्वच्छ और स्वस्थ हवा सुनिश्चित करने के लिए समन्वयात्मक दृष्टिकोण से सभी स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय भागीदारी हो। इसी क्रम में स्वच्छ वायु कार्य योजना की मॉनिटरिंग कमिटी में सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिक समूहों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए, ताकि स्थानीय चिंताओं, जरूरतों और मांगों के मद्देनज़र समाधान के प्रभावी कदम उठाए जायें। क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क एक समूह के रूप में वायु प्रदूषण के समाधान में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाएगा और राज्य सरकार एवं एनफोर्समेंट एजेंसियों को योजना के क्रियान्वयन में हमेशा सहयोग देने को तत्पर है।' 

इस वेबिनार में राज्य के प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों; शाइस्ता अंजुम, प्रमेन्द्र सिंह, अनीसा जलाल, शिवम सिंह, काशिफ जमील, सत्यम झा, उज्जवल कुमार, शोमा आनंद, अभिषेक आनंद, रत्नेश कुमार, मोनिका प्रिया, आनंद कुमार, तनवीर, मुकेश कुमार, रश्मि, शशि, गौतम गुलाल, अनिल रॉय, नवनीत आदि की सक्रिय भागीदारी रही और सबने एकमत से स्वच्छ वायु कार्य योजना के परिणामोन्मुख कदमों और सामूहिक सहभागिता पर जोर दिया, ताकि शहर में वायु प्रदूषण के कारण गंभीर होते स्वास्थ्य संकट से निजात पायी जा सके. 

सीड ने राज्य में बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नागरिक समूहों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, मीडिया, कम्युनिटी लीडर्स और सिविल सोसाइटी संगठनों को साथ लाकर एक मंच 'क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन)' बनाया है। बिहार में कैन के बैनर तले 150 से अधिक संगठन सक्रिय हैं और क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी समाधान के लिए कैन को उन महत्वपूर्ण जिलों और शहरों (जैसे पटना, गया और मुजफ्फरपुर) में भी स्थापित किया गया है, जहां वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा है या फिर वे राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चुने गए शहरों की सूची में आते हैं। 


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