दिल्ली: केद्र सरकार कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसने जा रही है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कोचिंग संस्थानों के लिए विज्ञापन से संबंधित गाइडलाइंस का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है, यह गाइडलाइंस कोचिंग क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों पर लागू होंगी.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के मसौदा अनुसार कोचिंग संस्थान को पाठ्यक्रम के नाम और सफल उम्मीदवार द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम की अवधि या किसी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी से संबंधित जानकारी छिपाने की अनुमति नहीं होगी, जो उपभोक्ताओं के उनकी सेवाओं को चुनने के निर्णय को प्रभावित कर सकती है.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कहा कि दिशानिर्देशों का उद्देश्य लोगों को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार कोचिंग संस्थान सत्यापन योग्य साक्ष्य उपलब्ध कराए बिना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में छात्रों की सफलता की रेट, सफल छात्रों की संख्या या रैंकिंग के बारे में दावा नहीं कर सकेंगे.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का कहना है कि प्रस्तावित दिशानिर्देश हितधारकों में स्पष्टता लाएंगे, इससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सकेगी. इन पर 16 मार्च तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं.
स्कूल से ज्यादा कोचिंग सेंटर्स की भरमार हो गई है. ऐसे में छात्रों मं भ्रम की स्थिति बनी रहती है, कई बार वे ठगी के शिकार भी हो जाते हैं. कोचिंग चलाने वाले मोटी फीस लेकर पढ़ाई को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, नामांकन के बाद पोल खुलता है तब तक देर हो चुकी होती है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण इसे रोकने की कोशिश कर रहा है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कोचिंग को लेकर भ्रामक एड की रोकथाम के लिए दिशानिर्देशों के मसौदे पर 16 मार्च तक सार्वजनिक कमेंट मांगा है, इसके बाद इस पर अंतिम फैसला कर लिया जाएगा.