समारोह पूर्वक मनी शहीद रामनंदन शर्मा की पुण्यतिथि, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के आंदोलन में निभायी थी अग्रणी भूमिका

गया- शिक्षाविद, समाजसेवी एवं पंचायती राज के सभी पदों को सुशोभित करने वाले शहीद रामनंदन शर्मा की 12 वीं पुण्यतिथि समारोह का आयोजन उनके पैतृक आवास पर किया गया.कार्यक्रम की शुरुआत में परिवार के सदस्यों एवं आगंतुकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उनके तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया.इस अवसर पर क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा संगीतमय रामायण पाठ किया गया.
शहीद रामनंदन शर्मा की 12 वीं पुण्यतिथि पर लोगों ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रांगण में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग को दोहराया. सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु शेखर ने केंद्र सरकार से स्थानीय लोगों के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय में दस प्रतिशत आरक्षण की मांग किया है. गया की धरती की पहचान भगवान विष्णु और गौतम बुद्ध से है, इसीलिए केंद्रीय विश्वविद्यालय का नामकरण भगवान विष्णु और बुद्ध के नाम पर करने की मांग भी की गई.
बता दें 29 मार्च 2012 को केंद्रीय विश्वविद्यालय गया में स्थापित करने की मांग के लिए एक धारणा में भाग लेने के लिए रामनंदन शर्मा एवं उनके सहयोगी पटना कारगिल चौक जा रहे थे. उस यात्रा के दौरान सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. इस दुर्घटना में उनके वाहन चालक श्रवण कुमार की भी मृत्यु हो गई थी. वहीं उनके अन्य चार साथी बाल्मीकि प्रसाद, प्रो मुंद्रिका प्रसाद नायक, बृजमोहन शर्मा और श्रीकांत शर्मा बुरी तरह घायल हो गए थे.
रामनंदन शर्मा की शहादत के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग का आंदोलन जन आंदोलन में बदल गया था. सरकार को आमलोगों की मांग के आगे झुकना पड़ा और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का गया की धरती पर स्थापित हुआ. इसकी स्थापना रामनंदन शर्मा की शहादत की देन है.
इस अवसर पर उनके पुत्र नरेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू , नीरज कुमार उर्फ लड्डू, रोहित कुमार, बिनोद शर्मा, दिनेश सिंह, सुमित कुमार, नवलेश जी, भूषण शर्मा, श्रीराम सिंह राधेश्याम जी सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे.