बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

चुनौती! 'रामचरितमानस' पर की गई टिप्पणी पर कायम हैं शिक्षा मंत्री...सदन में कई ग्रंथ लेकर पहुंचे थे चंद्रशेखऱ, टुकुर-टुकुर देखते रह गए JDU कोटे के मंत्री

चुनौती! 'रामचरितमानस' पर की गई टिप्पणी पर कायम हैं शिक्षा मंत्री...सदन में कई ग्रंथ लेकर पहुंचे थे चंद्रशेखऱ, टुकुर-टुकुर देखते रह गए JDU कोटे के मंत्री

PATNA: बिहार विधानसभा में आज शिक्षा बजट पर चर्चा हुई। सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जवाब दिया. शिक्षा मंत्री सदन में रामचरित मानस से लेकर मनु स्मृति समेत अन्य पुस्तक लेकर पहुंचे थे. बिहार में शिक्षा का विकास कैसे हो, इस पर उनका फोकस कम रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी को सही करने पर ज्यादा पसीना बहा रहे थे. सबसे आश्चर्यजनक बात यह कि शिक्षा मंत्री धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस के दोहा पर सवाल खड़े कर रहे थे और इस मुद्दे पर विरोध करने व मंत्री से माफी मांगने की मांग करने वाले जेडीयू कोटे के मंत्री टुकुर-टुकुर देखते रह गए। शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर से रामचरित मानस में लिखी पक्ति को गलत करार दे दिया. इस तरह से शिक्षा मंत्री ने धार्मिक ग्र्ंथों पर बोलने से मना करने वाले अपने मुख्यमंत्री को भी खुली चुनौती दे दी. 

शिक्षा बजट में मानस की चर्चा 

विधानसभा में सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री शिक्षा बजट पर अपनी बात रख रहे थे. वे रामचरितमानस पर की गई अपनी टिप्पणी को सही साबित करने को लेकर पूरा होमवर्क कर आए थे. वे शिक्षा पर जवाब देने को लेकर तैयारी कर आए हों या नहीं लेकिन विवादास्पद बात पर कायम रहने को लेकर पूरी प्लानिंग करी थी. वे रामायण, रामचरितमानस लेकर मनुस्मिति की किताब लेकर पहुंचे थे. वे धार्मिक ग्रंथ को पहले से ही वहां रखे हुए थे. बोलने के दौरान उन्होंने एक-एक कर धार्मिक पुस्तक को उठाकर पढ़ने लगे. इस दौरान उनके बगल में बैठे वरिष्ठ मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव व विजय चौधरी टुकुर-टुकुर देखते रह गए। विजय चौधरी तो मुस्कुरा रहे थे. 

सदन में बोलते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि मैं कथित विवादास्पद बातों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं. विपक्षी सदस्य रामचरितमानस पर हमारे द्वारा उठाई बातों पर वाकआउट किए हैं. मेरी चुनौती है, वो अंदर आएं. मेरे पास दस्तावेज है. मेरे पास पूरा दस्तावेज है. 50 वर्ष पुरानी पुस्तक रामचरितमानस है. गीता प्रेस का, मैं पूरी सच्चाई के साथ बात को समाज के सामने लाना चाहता हूं. इसके पेज नंबर 855 पर लिखा है... तारना. हम आपके संज्ञान में देता हूं. आप इसे देख लेंगे. इसमें ताड़ना का अर्थ लिखा हुआ है दंत. यह मैंने नहीं लिखा. यह 50 साल पुराना ग्रंथ है. हमें इसे सहेज कर रखा हूं, वरना मिट गया तो यह षड्यंत्रकारी लोग इसको भी झूठ कह देंगे. आज के एडिशन में ताड़ना में किसने जोड़ा है. यह यक्ष प्रश्न इस दुनिया के सामने है. दूसरा दस्तावेज मनुस्मृति है. इसमें भी बहुत सारी बातें लिखी गई हैं. इस तरह से शिक्षा मंत्री ने एक-एक कर कई धार्मिक पुस्तक के माध्यम से सफाई दी.

शिक्षा मंत्री ने मानस को नफरत फैलाना वाला ग्रंथ बताया था

बता दें, चंद्रशेखर ने पटना में एक दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का हवाला देते हुए उसे नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए बयान पर नारजगी जताई थी. उन्होंने कहा था "हम लोगों का मानना है कि किसी भी धर्म के मामले में कोई विवाद नहीं करना चाहिए. लोग जिस तरह के धर्म का पालन करते हैं, धर्म का पालन करें. इस पर किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

Suggested News