CHAPRA : बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 10 वां जिला सम्मेलन जनक यादव सामाजिक अध्ययन शोध संस्थान छपरा में संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन कामरेड व अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के कोषाध्यक्ष शशिकांत राय, कार्यक्रम के संयोजक उपेंद्र नाथ पांडे, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नीलम कुमारी ,बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुबीश सिंह , बिहार पेंशनर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव बैद्यनाथ प्रसाद, सहायक महामंत्री रामेश्वर सिंह, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह विनय उपाध्याय, स्वागत अध्यक्ष अर्जुन सिंह समेत अन्य ने दीप जलाकर किया।
नेताओं ने जमकर निकाली भड़ास
मुख्य अतिथि शशिकांत राय ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सरकार कर्मचारी विरोधी है। शायद यही कारण है कि ओल्ड पेंशन स्कीम को हटा दिया गया और नया पेंशन स्कीम लागू कर दिया गया। लेकिन शायद सरकार यह नहीं जानती है कि जिस राज्य और केंद्र की सरकार ने कर्मचारी विरोधी नीतियों को अपनाया है। उनका सर्वनाश हुआ है। सत्ता से वह गायब हो गए हैं। एक बार फिर समय आ गया है कि ऐसी सरकारों को हम सत्ता से बेदखल करें। आने वाले चुनाव में हिमाचल प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में सत्ता परिवर्तन का उदाहरण एक बार फिर कर्मचारी दिखाएंगे।
सरकारों को संभलने का मौका
इस बीच यदि सरकार संभल जाती है और पुरानी पेंशन योजना को लागू कर देती है। साथ ही कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापस लेती है तो संगठन विचार करेगा और 9 अगस्त से देशभर में शुरू होने वाले आंदोलन को लेकर फिर से निर्णय लिया जा सकता है। कार्यक्रम के संयोजक उपेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार भी लगातार कर्मचारी विरोधी कार्य को कर रही है। विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मी मानदेय और ठेके पर बहाल किए जा रहे हैं। मसलन कृषि सलाहकार कार्यपालक सहायक डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं दैनिक मजदूरी पर कार्य करने वाले कर्मचारियों का दोहन किया जा रहा है। महासंघ इन कर्मियों को नियमित करने की मांग करती है। नवनियुक्त पंचायत सचिव राजस्व कर्मचारी एवं लिपि को की सेवा को भी नियमित करते हुए उनका पदस्थापन गृह जिला में किया जाए। ग्रेड वेतन संशोधित कर 2400 सौ किया जाए।
कर्मचारियों की ताकत की अनदेखी न करें सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार कर्मचारियों की ताकत को अनदेखी कर रही है। जिसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पूर्व में स्वागत करते हुए स्वागत अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और आज केंद्र में गठित भाजपा की सरकार किए गए वादों को पूरा करने में कोई रुचि नहीं दिखा रही है। उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों को लागू करना जारी रखी हुई है जो भारत के कर्मचारियों, शिक्षकों , मजदूरों ,किसानों के लिए कष्ट दाई है। सम्मेलन के पूर्व में पूरे शहर में कर्मचारियों ने एक मार्च निकाला और अपनी मांगों को दोहराया। केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वही सम्मेलन के अंत में चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। कार्यक्रम में दो दर्जन वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर से पुरानी पेंशन स्कीम योजना को लागू करने की मांग की।
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट