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चीफ जस्टिस का बिहार के वकीलों को सुझाव - सामाजिक बदलाव में वकीलों की बड़ी भूमिका, पटना में हुआ बार कॉउन्सिल का राष्ट्रीय सेमिनार

चीफ जस्टिस का बिहार के वकीलों को सुझाव - सामाजिक बदलाव में वकीलों की बड़ी भूमिका, पटना में हुआ बार कॉउन्सिल का राष्ट्रीय सेमिनार

पटना. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू यू ललित ने वकीलों की शक्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि आम लोगों से जुड़े मुद्दे को उठाने की ताकत वकीलों में ही हैं। बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया और बिहार राज्य बार कॉउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार को पटना के बापू सभागार में वकीलों के सामाजिक दायित्व के विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि वकीलों की सामाजिक भूमिका काफी बड़ी हैं, लेकिन उन्हें आम लोगों से सम्बंधित मुद्दे उठाने की बड़ी ताक़त है। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रिम पंक्ति में वकीलों ने ही स्वतन्त्रता संग्राम को नेतृत्व दिया।

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को एक टीम की तरह देश के कल्याण के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में लगभग चार करोड़ अस्सी लाख मामलें पूरे देश की अदालतों में मामलें सुनवाई के लिए लंबित है।उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और हाईकोर्ट और वकील के सहयोगी इन्हें काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग नौ हज़ार करोड़ रुपए निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाएँ के लिए रखे गए,लेकिन उस राशि का पूरा उपयोग नहीं किया गया।ये अफ़सोस की बात है।

बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज बिहार के वकीलों ने उत्साह दिखाया,वह अद्भुत हैं। उन्होंने समाज में वकीलों की भूमिका इंगित करते हुए कहा कि वकील न सिर्फ पेशेगत कार्य करते है,बल्कि आम लोगों की सेवा और कानूनी सहायता देते हैं। उन्होंने राज्य के वकीलों के की दशा का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के सिविल और अन्य अदालतों में बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है। न उनके बैठने की सही व्यवस्था है ,न शौचालय की।

महिला अधिवक्ताओं की दशा और भी बुरी है। इन्ही स्थितयों के कारण इन कोर्ट में महिला अधिवक्ताओं की भागीदारी काफी कम है। उन्होंने ने कहा कि वकीलों के साथ बदसलुकी और हत्याओं की काफी घटनाएं होती है। इसके लिए एडवोकेट एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कॉल, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस एम एम सूंदरश ने भी इस सेमिनार को सम्बोधित किया। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने भी सेमिनार को सम्बोधित किया।

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