Desk:- गलवान घटी में हुई हिंसक झड़प का असर अब पर्यटन उद्योग पर भी देखने को मिल रहा है. भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली कहे जाने वाले बोधगया में अब चीनियों को रहने के लिए होटल और रेस्टोरेंट आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. बोधगया होटल एसोसिएशन एवं बोधगया रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि किसी भी चीनी नागरिक को होटल और रेस्टोरेंट की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जायेगी.
भारत चीन सीमा विवाद में हुए 20 सैनिकों के शहादत से देशवासी दुखी हैं. इस वजह से हर जगह से चीन के खिलाफ आवाज उठ रहे हैं. देश में कई जगहों पर चीनी नागरिकों को रहने के लिये कोई भी कमरा नहीं दिया जा रहा है.
आपको बता दें कि बिहार के बोधगया में चीन से हर साल करीब 10 हजार से अधिक चीनी घूमने के लिए आते हैं जो होटलों में रुकते हैं. रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं. जिससे बिहार को आर्थिक लाभ भी होता है. लेकिन अब देशहित को देखते हुए एस पर रोक लगा दिया गया है.
बोधगया होटल एसोसिएशन और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन दोनों ने मिलकर देशहित के लिए चीनी उत्पादों और चीनी पर्यटकों का विरोध करेंगे.इसके बाद व्यवसायियों ने कहा कि भारत अतिथि देवो भव: के तर्ज पर चलता है. लेकिन चीन युद्ध की नीति पर चलेगा तो हम बुद्ध की नीति पर नहीं चलेंगे. बोधगया होटल एसोसिएशन के महासचिव सुदामा कुमार ने बताया कि बोधगया होटल एसोसिएशन ने बोधगया आनेवाले चीनी यात्रियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.