'मां-बहन' तक पहुंच गई चिराग और चाचा पशुपति की लड़ाई, RLJP सुप्रीमो ने जमुई सांसद को दी बड़ी चुनौती

'मां-बहन' तक पहुंच गई चिराग और चाचा पशुपति की लड़ाई, RLJP सु

DESK : एक ही गठबंधन में होने के बाद भी चाचा पशुपति पारस के साथ चिराग पासवान की लड़ाई कम होती नजर नहीं आ रही है। स्थिति यह हो यह गई है कि दोनों सांसदों के बीच की लड़ाई 'मां-बहन' तक पहुंच गई है। यहां अब लड़ाई में चिराग  की मां और उनकी बहन की भी इंट्री हो गई है। 

दरअसल चिराग पासवान लंबे समय से यह कहते रहे हैं कि वह हाजीपुर से अपनी मां को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। जिस पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने एक बार फिर से इस सीट को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा तो अगर हाजीपुर में अपनी मां को लड़ाएगा तो हम भी जमुई से किसी और को लड़ा देंगे। उसके (चिराग पासवान) ही परिवार से उसकी बहन या मां को लड़ा देंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अरे जब एनडीए में तुम हो तो गठबंधन का जो फैसला होगा उसको मानों नहीं तो 40 सीट पर लड़ जाओ। 

सौतली बहन पर खेलेंगे दांव

पशुपति पारस ने चिराग पासवान की जिस बहन और मां की ओर से इशारा किया, वह उनके बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी और बेटी हैं। यानी चिराग पासवान की सौतेली बहन और मां को चुनावी मैदानी में उतारने की बात पशुपति पारस कह रहे थे।

चिराग ने कहा था- मां लड़ती हैं तो राहें आसान हो जाएंगी

दरअसल, कुछ दिन पहले ही चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि हाजीपुर लोकसभा सीट से 2024 में अगर उनकी मां लड़ती हैं तो उनकी राहें आसान हो जाएंगी। चिराग पासवान के इस बयान के बाद हाजीपुर सीट को लेकर सियासत गरमा गई थी। चिराग के इसी बयान पर उनके चाचा ने अपना पत्ता खोल दिया। 

चिराग की कोई गारंटी नहीं, ताक-झांक करता रहता है

हाजीपुर सीट को लेकर कड़ी टक्कर के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि कोई टक्कर नहीं है। एनडीए गठबंधन का मैं स्थायी सदस्य और विश्वासी सहयोगी हूं। कोई आदमी बाहर से आकर ताक-झांक करता है। कल एनडीए में वह आदमी रहेगा या नहीं, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। हाजीपुर में हमारी धरती है। मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा। मैं फिलहाल यहां से ही सांसद हूं। फिर जनता से आशीर्वाद से चुनाव लडूंगा। यह बात मैं दर्जनों बार कह चुका है।