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रामविलास पासवान ने आज ही के दिन बेटे चिराग को LJP सुप्रीमो का दिया था ताज, इस बार दोनों सीटिंग सीटें बचाने में होंगे कामयाब?

रामविलास पासवान ने आज ही के दिन बेटे चिराग को LJP सुप्रीमो का दिया था ताज, इस बार दोनों सीटिंग सीटें बचाने में होंगे कामयाब?

PATNA: रामविलास पासवान ने एक साल पहले चिराग पासवान को पार्टी सुप्रीमो का ताज दिया था। पांच नवंबर 2019 को रामविलास ने अपने बेटे को उत्तराधिकारी बनाया था। अप्रैल 2019 में पीएम मोदी की लहर में भाजपा की बदौलत लोजपा को लोकसभा की 6 सीटें मिली थी। 2015 के विस चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए लोजपा को सिर्फ 2 सीटें मिली.2020 के विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी चिराग की असली अग्नि परीक्षा है।क्यों कि इस बार वे अपने दम पर चुनावी मैदान में हैं और लक्ष्य नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करना है। 10 नवबंर को तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी.तब पता चलेगा कि 2015 में लोजपा को जो 2 सीटें मिली थी चिराग इस बार उसे बचाने के साथ-साथ विस की सीटें बढ़ाने में कामयाब होते हैं या नहीं।

दावा तो सरकार बनाने की कर रहे

लोक जनशक्ति पार्टी का दावा है कि चिराग ने एक साल में पार्टी का विस्तार किया है । पार्टी को बिहार1st बिहारी 1st के सोच के साथ जोड़ा है।लेकिन इस बार के चुनाव में उन्होंने एनडीए से बगावत कर अकेले दम पर चुनाव लड़ रहे हैं।चिराग का लक्ष्य है नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करना। वे इसमें कितना कामयाब होंगे यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन अपने दम पर चुनाव लड़ने की वजह से जो 2 सीटिंग सीटें हैं उस पर पार्टी उम्मीदवारों की हालत खस्ता है।हालांकि पार्टी का दावा है कि सीटिंग सीटों के साथ-साथ कई अन्य सीटें भी जीतेंगे।

तो लोजपा अपनी सीटिंग सीट भी नहीं बचा पायेगी

जानकार बता रहे कि लोजपा के दोनों सीटिंग विधायकों के चुनाव जीतने पर ग्रहण है। दोनों विधायक इस बार भी फिर से अपनी पुरानी सीट से ही चुनावी मैदान में हैं। उन दोनों जगहों पर  वोटिंग संपन्न हो गया। लोजपा के गोविंदगंज से विधायक राजू तिवारी और लालगंज से विधायक रहे राजकुमार साह चुनावी मैदान में हैं। लेकिन जो जानकारी है उसके अनुसार दोनों सीटों पर चिराग पासवान के उम्मीदवार की हालत खस्ता है। गोविंदगंज के लोजपा प्रत्याशी जरूर लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की पूरी कोशिश की । 

तीसरे नबंर की लड़ाई लड़ रहे लोजपा कैंडिडेट

गोविंदगंज से लोजपा प्रत्याशी के तौर पर राजू तिवारी चुनाव लड़ रहे। इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ने की वजह से उकी गाड़ी फंस सकती है। वहां पर सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस कैंडिडेट के बीच दिख रही है। वहीं लालगंज में लोजपा के सीटिंग कैंडिडेट राजकुमार साह की भी स्थिति काफी खराब है। बताया जाता है कि वहां निर्दलीय प्रत्याशी मुन्ना शुक्ला,भाजपा के संजय कुमार सिंह और कांग्रेस के राकेश कुमार पप्पू के बीच मुकाबला है। लोजपा तो चौथे नंबर पर खिसकती हुई दिख रही है।

हालांकि चिराग पासवान का दावा है कि इस बार लोजपा काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। 10 नवंबर को नीतीश कुमार को एक-अण्णे का बंगला खाली करना होगा और लोजपा-बीजेपी की सरकार बनने वाली है। हालांकि बीजेपी इस तरह की बात को सिरे से खारिज करती है। भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान तो चिराग पासवान को नकली गदा वाला पहलवान की संज्ञा तक दे चुके हैं।

 




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