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समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली लोकसभा सीटों पर चिराग पासवान ने लिया चौंकाने वाला फैसला, पुराने साथियों को झटका, नए पर भरोसा

समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली लोकसभा सीटों पर चिराग पासवान ने लिया चौंकाने वाला फैसला,  पुराने साथियों को झटका, नए पर भरोसा

पटना. लोकसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला लिया है. चिराग ने समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली को लेकर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं. इसमें लोजपा (रामविलास) ने तीनों सीटों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है. चिराग ने अपने दो पुराने सहयोगियों को बेटिकट कर दिया है जबकि दो खास लोगों को उम्मीदवार बनाने पर फैसला लिया है. इसमें खगड़िया और समस्तीपुर में चिराग ने महबूब अली कैसर और प्रिंस पासवान को बड़ा झटका दिया है. वहीं वैशाली सीट को लेकर चिराग ने एक और बड़ा फैसला लिया और अपने पुराने सहयोगी पर भरोसा जताया है. 

पांच सीटों पर नाम तय : लोजपा (रामविलास) को इस बार एनडीए में सीट बंटवारे में हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली सीटें दी गई हैं. इसमें हाजीपुर से खुद चिराग पासवान चुनाव में उतर रहे हैं. वहीं जमुई सीट से उनके बहनोई अरुण भारती उम्मीदवार बने हैं. भारती ने 28 मार्च को ही जमुई सीट से लोजपा (रा) नामांकन किया. वहीं तीन अन्य सीटों समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली को लेकर अब पार्टी ने उम्मीदवारों का नाम तय कर लिया है जिसमें दो नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. चिराग पासवान ने इन सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक कई दावेदारों को भी झटका दिया है. 

खगड़िया में सबको चौंकाया : चिराग ने खगड़िया सीट को लेकर राजेश वर्मा के नाम पर मुहर लगाई है. राजेश वर्मा एक व्यापारी हैं और आभूषण के कारोबार से जुड़े हैं. पिछले कुछ वर्ष से वे लगातार चिराग पासवान के साथ कई मौके पर दिखे हैं. साथ ही युवा चेहरे के रूप में जमीनी स्तर पर भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय दिखते हैं. वहीं सियासत में राजेश वर्मा की एक पारी भागलपुर में देखने को मिली जहाँ वे डिप्टी मेयर रह चुके है. अब चिराग ने उन्हें खगड़िया में बड़ी जिम्मेदारी देने का मन बनाया है. खगड़िया से वर्ष 2014 और 2019 में रामविलास पासवान की पार्टी से सांसद बने महबूब अली कैसर ने जब चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच मतभेद हुआ तो कैसर ने पशुपति के साथ जाने का निर्णय लिया था. हालांकि वे पिछले कुछ समय से चिराग के सम्पर्क थे लेकिन अब उनका टिकट काटकर राजेश वर्मा पर चिराग के भोरासा जताने की खबर है. 


समस्तीपुर में जदयू नेता की बेटी : समस्तीपुर में एक और बड़ा झटका चिराग ने अपने चचेरे भाई प्रिंस पासवान को दिया है. चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच मतभेद होने और लोजपा के टूट के दौरान प्रिंस ने भी चाचा पशुपति का साथ दिया था. पिछले कुछ समय से यह चर्चा थी कि प्रिंस को फिर से चिराग टिकट दे सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. समस्तीपुर से एक बड़ा फैसला लेते हुए चिराग ने शाम्भवी चौधरी के नाम पर सहमति जताई है. शाम्भवी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास माने जाने राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य अशोक चौधरी की बेटी हैं. जदयू नेता अशोक चौधरी ने पिछले दिनों चिराग से मुलाकात की थी. तब से ही शाम्भवी के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी. पहले शाम्भवी के जमुई से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन अब चिराग ने शाम्भवी को समस्तीपुर से मौका देने की योजना बनाई है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित समस्तीपुर सीट से उतरने वाली शाम्भवी की शादी करीब दो साल पहले पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल के बेटे से हुई थी. अब शाम्भवी सियासत में एंट्री मारने को तैयार हैं. 

वैशाली में फिर जताया विश्वास : वैशाली सीट पर चिराग ने अपने पुराने साथी वीणा देवी के नाम पर सहमति जता दी है. वीणा ने पिछला चुनाव भी जीता था. हालांकि बाद में वह पशुपति पारस के साथ चली गई थी. लेकिन पिछले कुछ समय से वह चिराग पासवान के साथ लगातार मंच सझा कर रही थी. साथ ही टिकट मिलने को लेकर आश्वासत नजर आई थी. अब चिराग ने फिर से वीणा देवी को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. तीनों सीटों को लेकर उम्मीदवारों के नामों की अधिकारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी. 

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