Patna: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने वैसे अफसरों को हटाने का निर्देश दिया है, जो एक जिले में 3 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके हैं. आयोग ने इसके लिए 31 अक्टूबर तक का कट ऑफ डेट निर्धारित किया है. इस दायरे में आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी, कमांडेंट, एएसपी, एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, ज्वाइंट कलेक्टर, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और सार्जेंट मेजर स्तर के अधिकारी शामिल होंगे.
आयोग ने मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को जारी पत्र में कहा है कि ऐसे अफसर जिनके खिलाफ चुनाव आयोग ने पिछले चुनाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है या उनके खिलाफ कोई पेनाल्टी लगाई गयी है, उनकी ड्यूटी नहीं लगेगी. वैसे अफसरों को भी चुनाव कार्य से दूर रखा जाएगा, जिन पर पिछले चुनाव में गड़बड़ी का आरोप है. जिन अफसरों के रिटायरमेंट में छह माह शेष रह गए हैं, उन्हें इससे बाहर रखा जाएगा.
इसके अलावा वैसे पुलिस ऑफिसर जो कंप्यूटराइजेशन या स्पेशल ब्रांच और ट्रेनिंग में तैनात हैं, उन पर ट्रांसफर पोस्टिंग का यह आदेश लागू नहीं होगा. एक जिला में 3 साल तक की अवधि पूरी करने वाले अफसरों को दूसरे जिले में तैनात किया जाएगा. आयोग ने यह भी कहा है कि वैसे अफसर जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में आयोग की अनुशंसा पर तैनात किया गया हो, उन्हें इस पॉलिसी से अलग रखा जाएगा.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग तैयारियों को लेकर अफसरों को ट्रेनिंग दे रहा है. अफसरों को चुनाव के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की बारीकियां बताई जा रही हैं. इसी कड़ी में बुधवार को स्क्रूटिनी और नामांकन की प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई. अफसरों को बताया गया कि नामांकन पत्र में किन बातों पर ध्यान देना है. इसके बाद स्क्रूटिनी के दौरान जांच का आधार क्या होगा. इस प्रशिक्षण में निर्वाचन विभाग से जुड़े राज्यभर से मुख्यालय स्तर के अफसरों को शामिल किया गया है. ट्रेनिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दी जा रही है. 8 जुलाई तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई और पहलुओं की जानकारी दी जाएगी.