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बगहा में नगर प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई, रामनगर में बुलडोजर चलाकर हटाया अतिक्रमण, लोगों ने किया विरोध

बगहा में नगर प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई, रामनगर में बुलडोजर चलाकर हटाया अतिक्रमण, लोगों ने किया विरोध

BAGAHA: पश्चिम चम्पारण ज़िला के बगहा में नगर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। दरअसल, रामनगर में नगर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटवाया है। बताया जा रहा कि नगर परिषद क्षेत्र के रामनगर सैरात की ज़मीन पर दोन नहर किनारे नरकटियागंज रोड में अतिक्रमण कर दर्ज़नों अवैध दुकानें बनाई गईं थीं लिहाजा प्रशासन की ओर से पूर्व में नोटिस जारी करने के बाद भी सरकारी ज़मीन ख़ाली नहीं किया गया तो जेसीबी मशीन लगाकर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। 

वहीं इस दौरान पट्टाधारी सक्षम न्यायालय से स्टे ऑर्डर लेकर आए तब जाकर उन्हें 4 सप्ताह की मोहलत देते हुए कागजात पेश करने का निर्देश देते हुए अगले आदेश तक अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया रोक दी गई है। जानकारी अनुसार पट्टाधारी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं क्योंकि दर्जनों दुकानों को तोड़ कर ध्वस्त कर दिया गया है। जब बारी पट्टाधारक की दुकान तोड़नें की आई तो उसने कोर्ट का रोक आदेश दिखाया औऱ दावा किया कि उक्त ज़मीन उन्हें 1945 में राज द्वारा पट्टा स्वरूप मिली है। लिहाजा उनपर कार्रवाई नहीं होनी चाहिये लेकिन इसी दौरान अन्य दुकानों को तोड़े जाने पर लोगों के आक्रोश का सामना पुलिस प्रशासन को करना पड़ा।

इस मामले में रामनगर के ईओ ऋषिकेश अवस्थी ने बताया कि पट्टाधारक को सक्षम प्राधिकारी के यहां दस्तावेज पेश करने की मोहलत दी गई है। अभी तक जो कागजात दिखाए गए हैं वे संतोषजनक नहीं हैं लिहाजा कोर्ट के अंतिम आदेश का इंतज़ार है, हालांकि कोर्ट ने नप प्रशासन को भी स्पेसिफिक जांच कर उचित निर्णय लेने का अधिकार दिया है। इसी के मद्देनजर फ़िलहाल कार्रवाई रोक दी गई है। लेकिन आगे भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।

बता दें कि त्रिवेणी नहर प्रमंडल द्वारा प्राप्त अतिक्रमण सूची के आधार पर नगर प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटा है, लेकिन पट्टाधारी इश्तेयाक खान ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए कार्रवाई पर ही सवाल खड़े किए हैं और यथास्थिति बने रहने देने की मांग की है। जिसपर ईओ ऋषिकेश अवस्थी ने कहा है कि 2 वर्ष पूर्व में इन्हें ख़ाली कराया गया था और जो पेपर मिले थे वे सही नहीं थे लिहाजा इस बार भी नोटिस भेजा गया था लेकिन न्यायालय के आदेश पर पुनः सुनवाई की जाएगी। रामनगर सीओ की रिपोर्ट आने पर ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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