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पटना में सड़क हादसे में जख्मी युवक के लिए फ़रिश्ता बनकर आये सिविल सर्जन, मौके पर सीपीआर देकर बचाई जान

पटना में सड़क हादसे में जख्मी युवक के लिए फ़रिश्ता बनकर आये सिविल सर्जन, मौके पर सीपीआर देकर बचाई जान

PATNA : चिकित्सा के क्षेत्र में यह माना जाता है कि किसी हादसे के बाद पहले आधे घंटे में अगर सही तरीके से इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाने में काफी हद तक कामयाब मिलती है। यह बात पटना में उस वक्त सही साबित होती नजर आई, जब यहां अटल पथ पर हादसे में बुरी तरह से घायल युवक को मौके पर ही तत्कालिक इलाज मिल गया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उसकी जान बच गई।

दरअसल, पटना में सड़क हादसों के केंद्र के रूप में पहचान बना चुके अटल पथ पर गुरुवार को एक बार फिर हादसा हो गया। यहां बाइक से जा रहा युवक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया। सिर में गंभीर चोट आने के कारण सड़क पर ही वह बेहोश हो गया। लोगों की भीड़ जुट गई थी। वहीं युवक की सांसे भी टूट रही थी।  लेकिन, इससे पहले युवक के साथ कुछ बुरा होता, तभी दूसरी दिशा से वहां से गुजर रहे सिविल सर्जन मिथिलेश्वर कुमार ने भीड़ देखकर अपनी गाड़ी रुकवाई और मरीज की मदद करने के लिए आगे बढ़े।

मौके पर दिया सीपीआर

फरिश्ता बनकर आए मिथिलेश्वर कुमार डिवाइडर पार कर जब मरीज के पास पहुंचे तो उन्होंने सड़क पर ही मरीज की पहले जांच की. युवक की सांसे बेहद धीमी रफ्तार से चल रही थीं, उन्होंने तुरंत ही मरीज को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रीससिटेशन) दिया. जिसके बाद उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ। जिसके बाद पुलिस की गाड़ी से उन्होंने मरीज को पीएमसीएच भेजा, जहां उन्होंने खुद मरीज को आईसीयू में भर्ती करवाने की व्यवस्था की।  

हादसे में घायलों के लिए सीपीआर होता है जरुरी

सीपीआर का मतलब होता है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन. यह एक तरह का फर्स्ट एड होता है. जो किसी पीड़ित को उस वक्त दिया जाता है. जब उसे सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो बेहोश जो जाए. सीपीआर देने से उस वक्त मरीज की जान बचाई सकती है. जिस वजह से मरीज को अस्पताल ले जाने का उचित समय भी मिल जाता है। मेडिकल के क्षेत्र में किसी हादसे में सीपीआर को सबसे जरूरी बताया जाता है।

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