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पीपुल्स फ्रेंडली’ के दावे की निकली हवा, पटना के जक्कनपुर थाने के दारोगा पर गुमशुदा की तलाश के बदले नजराना वसूलने का आरोप

पीपुल्स फ्रेंडली’ के दावे की निकली हवा, पटना के जक्कनपुर थाने के दारोगा पर गुमशुदा की तलाश के बदले नजराना वसूलने का आरोप

पटना:   पुलिस ‘पीपुल्स फ्रेंडली’ होने का दावा करती है,आए दिना पुलिस जनता के बीच अपनी खोए विश्वास को वापस पाने के लिए स्वास्थ, शिक्षा से लेकर कई जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर जनता के बीच जाने का दावा करती है, पुलिस ऐसे अभियान से स्थानीय जनता का जुड़ाव होने का दावा किया जाता है, दूसरी ओर बिहार पुलिस के ‘पीपुल्स फ्रेंडली’ होने के दावे को जक्कनपुर थाना की पुलिस हवा निकालने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही.राजधानी पटना की जक्कनपुर पुलिस पर घूस लेने का आरोप लग रहा है. गुमशुदा बेटी की तलाश करने के एवज में पुलिस पर साढ़े  बारह हजार रुपए पीड़िता से ऐंठने का मामला सामने आया है. रुपए लेने के बाद पुलिस पर धौस दिखाते हुए गुमशुदा की तलाश के बदले एक तुम्हारा हीं केस है कह कर पल्ला झाड़ने का भी आरोप लगा है.

जक्कनपुर थाने में लिखित शिकायत 

मामला सरकार के नाक के नीचे राजधानी पटना के जक्कनपुर थाना का है. जहां से बीते 30 मार्च को एक 17 वर्षीय छात्रा घर से अपने कपड़े और कुछ सामान लेकर गायब हुई है. लापता छात्रा के पिता का कहना है कि  काफी खोजबीन के बाद जब उसकी बेटी का कुछ पता नहीं चल पाया तो थक हार कर अपने स्थानीय थाना जक्कनपुर पहुंचा और पिता ने जक्कनपुर थाने मे पवन कुमार नाम के युवक पर बहला फुसलाकर छात्रा को भगा ले जाने का लिखित शिकायत दर्ज करवाया है.

पुलिस पर खर्चा पानी के बहाने घूस लेने का आरोप

आरोप है की जक्कनपुर थाने के पुलिस पदाधिकारी ने थाने से परिजन को बाहर ले जा कर कहा कि खोजबीन करने में काफी रुपया खर्च होता है कुछ खर्चा पानी लगेगा, लिहाजा पीड़ित पिता से 2500 रुपए नजराना बच्ची के तलाश करने के नाम पर लिया.

दूसरी बार दारोगा ने वसूला नजराना

दरोगा साहब का इतना से मन नहीं भरा कुछ दिन पीड़ित पिता को टालने के बाद एक बार फिर मामले में आरोपी पवन कुमार के मोबाइल नंबर मांगने के बहाने बुलाया और इस बार दरोगा ने 10 हजार का नजराना का डिमांड किया जिसे मजबूर पिता ने बेटी के जल्द बरामदगी के आस में दे दिया .

दारोगा जी का चढ़ गया पारा

 कुछ दिन इंतजार करने के बाद जब बेटी की खोजबीन में पुलिस का सहयोग नहीं होने पर पीड़ित पिता ने दरोगा साहब को फोन किया तो फोन यह कह कर काट दिया गया कि क्या एक तुम्हारा ही केस है ,बेटी मिलेगी तो फोन कर देंगे .ऐसे में पटना पुलिस द्वारा नो योर पीपल नो योर पुलिस वाला दावा बिल्कुल फेल साबित होता नजर आ रहा है.

डीजीपी साहब देख लीजिए अपनी पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस को

डीजीपी साहब आपके नाक के नीचे इतना बड़ा आरोप लग रहा है. आप पुलिस के फ्रेडली बनाने में लगे हैं और राजधानी की पुलिस आपके कवायद की पलीता लगाने में जुटी है.

रिपोर्ट- अनिल कुमार




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