बिहार में धान आच्छादन लक्ष्य के करीब, नीतीश सरकार ख़रीफ़ फसलों की सिंचाई पर दे रही प्रति एकड़ 750 रुपए का अनुदान

बिहार में धान आच्छादन लक्ष्य के करीब, नीतीश सरकार ख़रीफ़ फसल

PATNA: कृषि विभाग के कार्यक्रम और उपलब्धि को लेकर कृषि विभाग के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। सूचना एंव जनसंपर्क विभाग के सहयोग से सूचना भवन के संवाद कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री मंगल पांडे ने इस दौरान कृषि को विकास को लेकर लाए जा रहे योजनाओं का विवरण दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ,कृषि निदेशक मुकेश अग्रवाल मौजूद थे।

कृषि मंत्री ने बताया कि, इस वर्ष धान का कुल आच्छादन 36.54 लाख हेक्टेयर, मक्का का 2.93 लाख हैक्टेयर ,अरहर 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग 0.70 लाख हेक्टेयर, जबकि मोटे अनाज में बाजरा का 0.15 लाख हेक्टेयर,ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर, महुआ 0.29 लाख हेक्टेयर और अन्य दलहन का 0.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

उन्होंने कहा कि, लक्ष्य के अनुरूप अभी तक धान का आच्छादन 29,68,834 हेक्टेयर (80.55 प्रतिशत), मक्का का 2,73,185 ( 91.74 प्रतिशत) , अरहर का 52,135 हैक्टेयर (से 92.60 प्रतिशत), मूंग का 12,699 हैक्टेयर (74.55  प्रतिशत), बाजरा का 10,041 हेक्टेयर (63.10 ) प्रतिशत ,ज्वार का 15,697 हैक्टेयर (93.59 प्रतिशत) ,महुआ का 22,309 हैक्टेयर (72.90 ) प्रतिशत और अन्य दलहन का 7,824 हैक्टेयर( 68.16) प्रतिशत है। 

मंगल पांडे ने कहा कि, ख़रीफ़ 2024 में 1.86 लाख एकड़ में योजना का क्रियान्वयन योजना अंतर्गत फसल प्रत्यक्षतः कार्यक्रम हेतु 3600 रूपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाना है। मंसूर के लिए किसानों को 3600 रूपये प्रति एकड़ के साथ ही 2000 रूपये प्रति एकड़ नगद अनुदान दिया जायेगा। राज्य के अंदर संकर बीज एवं अन्य बीज उत्पादन के लिए एक नीति तैयार की जा रही है। 

26 जुलाई से अनियमित मानसुन एवं अल्पवृष्टि के मद्देनज़र ख़रीफ़ फसलों के सिंचाई हेतु डीज़ल पर प्रति लिटर 75 रूपये की दर से 750 रूपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जायेगा। बिहार में कुल 202 कोल्डस्टोरेज हैं, जिनकी भंडारण क्षमता 12,30,176 मेट्रिक टन है। राज्य 12 ज़िलों कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को नहीं है। इन ज़िलों में कोल्ड स्टोरेज टाईप -1 एवं टाईप-2 के लिये पचास फ़ीसदी सहायतानुदान का प्रावधान। पचास कोल्ड स्टोरेज को सौर ऊर्जा से संचालित कराया जायेगा।

उन्होंने कहा कि, “गाँव की बाग़वानी, हमारे गौरव की कहानी” के तहत व्यावसायिक खेती अमरूद, आँवला, निम्बू, बेल, पपीता, गेंदा फूल, लेमन ग्रास, ड्रैगन फ़्रूट एवं स्ट्रॉबेरी की अलग-अलग (25 एकड़) का एक क्लस्टर में विकास किया जायेगा। 2024-2025 वित्तीय वर्ष में किसानों को विभिन्न कृषि यंत्र पर अनुदान के लिए 82.25 लाख रूपये दिया जायेगा।

केन्द्र प्रायोजित सब मिशन ऑन एग्रिकल्चरल मैकेनाईज्शन योजना के तहत 10416.67₹ की लागत से कृषि यंत्र के कार्य एवं कस्टम हायरिंग सेनेटर, कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु अनुदान दिया जाएगा। राज्य में 30 जिलों में 2,95,866 घोड़परास और 67,255 जंगली सुअर प्रतिवेदित हुआ है। इनसे किसानों के पैदावार को बचाने के लिए वन एवं पर्यावरण, पंचायती राज, कृषि और गृह विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक करके घोड़परास और सूअर की समस्या का समाधान की रणनीति तैयार किया जा रहा है।

पटना से वंदना की रिपोर्ट