Patna Road:पटना में टली बड़ी दुर्घटना, सड़क धंसने से बाल-बाल बचे लोग, नमामि गंगे की सच्चाई आई जमीन पर

Patna Road: पटना में सड़क धंसने की घटना नमामि गंगे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता पर गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। यह सड़क उस क्षेत्र में थी जहाँ नाले की खुदाई के बाद बुडको ने कार्य संपन्न किया था।

Patna  road collapse
पटना में टली बड़ी दुर्घटना- फोटो : social Media

Patna Road:पटना की धरती ने शनिवार की रात एक करुण कहानी कह दी। राजीवनगर की सड़क, जो कभी शहरवासियों के भरोसे का मार्ग थी, अचानक धंस गई। यह वही सड़क है जिस पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्माण कार्य हुआ था। लेकिन दुर्भाग्य कहिए या लापरवाही—उस परियोजना की नींव में कहीं ईमानदारी की ईंटें नहीं थीं। मानसून की पहली वर्षा ने जैसे ही धरती को भिगोया, सड़कों ने अपना स्वरूप बदलना शुरू किया। कीचड़, जलजमाव और अब धंसती जमीन ने शहर के मूलभूत ढांचे पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। 

राजीवनगर में सड़क धंसने की घटना नमामि गंगे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता पर गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। यह सड़क उस क्षेत्र में थी जहाँ नाले की खुदाई के बाद बुडको ने कार्य संपन्न किया था। किन्तु कार्य पूर्ण होते ही सड़क की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग को दे दी गई, जिसने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया। यह वही सड़क है जहाँ हाल ही में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत नाले की खुदाई और पाइपलाइन का काम किया गया था। काम पूरा होने के बाद सड़क को जैसे-तैसे ढक दिया गया, लेकिन मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। अब पहली ही बारिश में सारी पोल खुल गई है। राजधानी की यह हाई-प्रोफाइल परियोजना अब गड्ढों का कब्रिस्तान बनती जा रही है।

नगर विकास निगम बुडको ने नमामि गंगे का कार्य पूरा कर पथ निर्माण विभाग को सौंप दिया, लेकिन अब पथ निर्माण विभाग भी चुप्पी साधे बैठा है। किसी को न तो जवाब देना है, न ही मरम्मत करनी है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर यह हाल पहली बारिश में है, तो अगले दो महीनों में क्या तबाही मचेगी?

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पहले ठीक-ठाक थी, लेकिन परियोजना शुरू होने के बाद से हालात बद से बदतर हो गए हैं। खुदाई के बाद सही तरीके से मिट्टी नहीं भरी गई, न ही कॉम्पैक्शन का ध्यान रखा गया। ऊपर से केवल कोलतार डालकर औपचारिकता निभा दी गई।अब जब बरसात में राजीवनगर नाला उफान पर होगा, तो यह सड़क जानलेवा जाल में तब्दील हो सकती है। अगर समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो अगली बार यह सड़क किसी मासूम की ज़िंदगी लील सकती है। सवाल यही है—क्या नमामि गंगे प्रोजेक्ट अब लोगों के लिए "नमामी खतरा" बन चुका है>सड़क धंसने के बाद न बुडको सामने आया, न पथ निर्माण विभाग। सवालों की बाढ़ है, लेकिन जवाब देने कोई तैयार नहीं। पटना की जनता अब सिर्फ सुरक्षा नहीं, इंसाफ भी मांग रही है।