SASARAM : बिहार में भ्रष्टाचार का आलम ऐसा है कि कहीं पुल गिर रहे हैं तो कहीं नवनिर्मित भवन में दरार आ जा रही है। इसका मुख्य कारण है कि इंजीनियर कभी साइड पर नहीं जाते हैं और राजमिस्त्री के एवं मजदूरों के ही ऊपर भवन निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। जिसके कारण मानक के अनुसार कार्य नहीं हो पाता है।
ऐसा ही मामला रोहतास जिले के परसथुआ से आया है जहां करोड़ों रुपए की लागत से बना परसथुआ के मॉडल थाना बनकर तैयार है जिसके निर्माण के कुछ ही महीने बाद कई जगहों पर मोटी-मोटी दरार आ गई है। इतना ही नहीं थाना भवन के कई कोनों से जमीन ही खिसक गई है। जिसके कारण थाना भवन जमींदोज होने के कगार पर है।
स्थिति यह है कि इस मॉडल थाना भवन में रहने वाले पुलिसकर्मियों को अनहोनी की चिंता भी सता रही है। इस मामले में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप केसरी ने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
विदित हो कि इस भवन का निर्माण करोड़ों रुपए की लागत से कराया गया है तथा इसका उद्घाटन बिहार के सीएम नीतीश कुमार के द्वारा इसी वर्ष फरवरी माह में किया गया था। लेकिन उद्घाटन के कुछ ही महीने बाद इस भवन के कई हिस्सों में दरारें आ जाना कहीं ना कहीं संवेदक के द्वारा निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता को दर्शाता है।
सासाराम से रंजन की रिपोर्ट