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सीएम नीतीश ने की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक, कहा जमीन का विवाद कम करना हमारा उद्देश्य

सीएम नीतीश ने की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक, कहा जमीन का विवाद कम करना हमारा उद्देश्य

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. समीक्षा के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने अपने प्रस्तुतीकरण में तीसरी बैठक के अवधेश एवं अनुपालन की जानकारी दी. उन्होंने लैंड रिकॉर्ड, लैंड सर्वे एवं सेटलमेंट के संबंध में किए जा रहे कार्यों में प्रगति की जानकारी दी. ऑनलाइन म्यूटेशन, स्पेशल सर्वे, अभियान बसेरा, ऑपरेशन भूमि दखल दहानी की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. अपनी प्रस्तुति में ऑनलाइन म्यूटेशन, ऑनलाइन भू लगान, ऑनलाइन जमाबंदी, ऑनलाइन एलपीसी, परिमार्जन, ऑनलाइन रिवेन्यू मैप्स की भी संबंध में जानकारी दी. 

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में शुरू किए गए जनता के दरबार मैं मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर समस्याएं जमीन से जुड़ी हुई पाई गई. सभी चीजों के आकलन एवं अध्ययन के बाद नया एक्ट बनाया गया. 60% से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होता है. राज्य में विकास के कई कार्य किए गए. इससे जमीन की कीमत भी बढीं है. कुछ लोग जमीन की धांधली यह कार्य में लिप्त हैं. हम लोगों का उद्देश्य जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करना है. इस लिए ऐसा उपाय किया जाए कि कोई जमीन से स्वामित्व में गड़बड़ी न कर सके. समाज में शांति रहने से विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पाएगा. 

उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रूप से बैठक करें. जो भी गड़बड़ी करें. उस पर कार्रवाई की जाए. भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान से समाज में शांति स्थापित होगी. उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे के जिलों में जो जमीन है.रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले के अंतर्गत आते हैं. उन जिलों में शीघ्र हस्तांतरित किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा की जमीन के ओरिजिनल कागजात अंचल कार्यालय में रखे जाएं. उनकी स्कैनिंग भी कराई जाए. ताकि रिकॉर्ड पूरी तरह सुरक्षित रह सके. अंचलाधिकारी को विभागीय कार्य में ज्यादा उपयोग किया जाए. उन्हें आपदा के कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाए. 

उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के तहत जमीन से संबंधित पेंडिंग पड़े कार्यो का तेजी से निपटारा करें. बेनामी जमीन की भी पहचान करें. जो चोरी-छिपे कमर्शियल कार्य कर रहे हैं. उनकी पहचान कर उन पर कमर्शियल टैक्स भी लगाएं. राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतर मॉनिटरिंग हो. विभाग में जरूरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाए. ताकि काम की गुणवत्ता और गति प्रभावित न हो. समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, राजस्व परिषद के अध्यक्ष त्रिपुरारी शरण, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सामान्य  प्रशासन आमिर सुबहानी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त एस. सिद्धार्थ और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार मौजूद थे.

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