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बीसीई-एनआईटी पटना के एलुमिनाई मीट- 2024 में शामिल हुये सीएम नीतीश, डायमंड, गोल्डेन और सिल्वर जुबली बैच के छात्रों को दी बधाई

बीसीई-एनआईटी पटना के एलुमिनाई मीट- 2024 में शामिल हुये सीएम नीतीश, डायमंड, गोल्डेन और सिल्वर जुबली बैच के छात्रों को दी बधाई

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बी०सी०ई० एन०आई०टी० पटना परिसर स्थित एम्फीथिएटर में शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एलुमिनाई मीट-2024 का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना के डायमंड जुबली बैच वर्ष 1964 के पूर्ववर्ती छात्रों, गोल्डेन जुबली बैच वर्ष 1974 के पूर्ववर्ती छात्रों, रुबी जुबली बैच वर्ष 1983-84 के पूर्ववर्ती छात्रों एवं एडमिशन बैच एलुमिनाई फॉर सिल्वर जुबली वर्ष 1994 के छात्रों को प्रतीक चिह्न प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना एलुमिनाई सोसाइटी द्वारा आयोजित इस एलुमिनाई मीट में मुख्यमंत्री ने सोसायटी के अध्यक्ष प्रो० संतोष कुमार द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। शताब्दी वर्ष के अवसर पर तैयार की गई स्मारिका का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। एलुमिनाई सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो० संतोष कुमार ने मुख्यमंत्री को पौधा एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने एन०आई०टी० पटना 1954 बैच के छात्र और रिटायर्ड चीफ इंजीनियर जे०वी० साह एवं एन०आई०टी० पटना 1959 बैच के छात्र तथा रिटायर्ड चीफ इंजीनियर के०डी०पी० सिन्हा को शॉल एवं पौधा भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग-एन०आई०टी० पटना एलुमिनाई सोसायटी के इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर डायमंड जुबली बैच, गोल्डेन जुबली बैच और सिल्वर जुबली बैच के पासआउट छात्र यहां उपस्थित हैं। हर वर्ष फरवरी के पहले रविवार को यहां एलुमिनी मीट आयोजित होता है, जिसमें कई बार मुझे शामिल होने का मौका मिला है। मुझे आप सभी के बीच आकर काफी खुशी होती है। प्रतिवर्ष 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी के शहादत के अवसर पर यहां स्थित गांधी घाट पर मैं बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आता हूं, जहां हमारे एन०आई०टी० पटना के साथी पहुंचकर हमें एलुमिनाई मीट में शामिल होने की याद दिलाते हैं। मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गया है। यहां हर वर्ष आयोजित होने वाले एलुमिनाई मीट में हमारे पुराने एवं नए साथी भी आते हैं, जहां हमें अपने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर मुझे काफी प्रसन्नता होती है। मैंने पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद यहां एडमिशन लिया था। उस समय 500 छात्र यहां पढ़ते थे, बहुत अच्छा लगता था। अगर पटना में स्टूडेंट यूनियन का चुनाव होता था तो मेरे कहने पर यहां के 500 में से 450 छात्र समर्थन में वोट करते थे। उस बात को हम कभी भूल नहीं सकते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 100 साल पहले वर्ष 1924 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग स्थापित हुआ। इसके स्थापना के 100 साल पूरे हो गए हैं। बी०सी०ई० एन०आई०टी० पटना एलुमिनाई सोसाइटी के आग्रह पर हमने एन०आई०टी० पटना के इस प्रागंण में इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। यहीं पर इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित होगा, जिस पर आने वाला कुल व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। इसके लिए एक सप्ताह के अंदर पैसा आवंटित कर दिया जायेगा। इस संबंध में हमने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। श्रद्धेय अटल जी की सरकार में हम मंत्री थे, उस समय देश में कुल 14 जगहों पर एन०आई०टी० बन रहा था। हमने आग्रह किया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश का छठा इंजीनियरिंग कॉलेज है, जिसे एन०आई०टी० का दर्जा मिलना चाहिए। उसी समय वर्ष 2004 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन०आई०टी० का दर्जा मिला। हमलोगों के समय यहां छात्रों की संख्या 500 थी जो अब बढ़कर 5000 हो गई है। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। हमलोगों ने एन०आई०टी० पटना को विस्तारित करने के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया जो अब बनकर तैयार हो गया है। बिहटा में भी करीब 6,000 छात्रों की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। एन०आई०टी० पटना के अलावा देश में कहीं भी इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों की व्यवस्था नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते थे तो लड़कियां नहीं पढ़ती थी। हमलोगों ने बिहार के प्रत्येक जिले में न सिर्फ इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना कराई है बल्कि वहां 35 प्रतिशत लड़कियों के एडमिशन के लिए सीटें भी आरक्षित कर दी है। एन०आई०टी० पटना का यह परिसर सब दिन आप ही के साथ रहेगा क्योंकि यही मूल एन०आई०टी० पटना है। यह परिसर एन०आई०टी० पटना के पहले हिस्से के रुप में जाना जायेगा, जबकि बिहटा में 125 एकड़ में स्थापित परिसर दूसरा हिस्सा होगा। मुझे काफी खुशी है कि हमने यहीं पढ़ाई की है। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 5,462 बेड का बन रहा है, जिसका एक हिस्सा लगभग पूरा होने वाला है, दो साल के अंदर काम पूरा कर दिया जाएगा।

कार्यक्रम को बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना के निदेशक पी०के० जैन, बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना एलुमिनी सोसायटी के सचिव डॉ० संजय कुमार, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के चेयरमैन प्रो० जी० के० चौधरी, बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना एलुमिनाई सोसायटी के अध्यक्ष प्रो० संजय कुमार, कोषाध्यक्ष प्रो० संजीव कुमार एवं प्रो० सी०एन० सिन्हा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, प्रो० कामिनी सिन्हा, प्रो० अमृता सिन्हा, इंजीनियर राशिद परवेज, इंजीनियर निलेश कुमार, प्रो० रमेश कुमार, प्रो० सुलेना रजक, प्रो० शैलेंद्र मंडल, प्रो० सुरेंद्र प्रसाद जी, इंजीनियर आरती सिन्हा, बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना एलुमिनाई सोसायटी के सदस्यगण, बी०सी०ई०- एन०आई०टी० पटना के अध्यापकगण, छात्र-छात्रायें, पूर्ववर्ती छात्र एवं उनके परिजन उपस्थित थे।

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