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CM नीतीश ने PM मोदी से कहा- 10 सालों से बंदरगाह मांग रहे लेकिन नहीं मिला, वाजपेयी सरकार के समय की तय राशि भी नहीं मिल रही

CM नीतीश ने PM मोदी से कहा- 10 सालों से बंदरगाह मांग रहे लेकिन नहीं मिला, वाजपेयी सरकार के समय की तय राशि भी नहीं मिल रही

PATNA: नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आज बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए. इशके अलावे राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल- प्रशासक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.बैठक में मुख्यमंत्री से कई मांगें की।सीएम नीतीश ने कहा कि अटल जी के समय में पॉलिसी लागू की गई उसका पालन नहीं किया जा रहा।साथ ही मुख्यमंत्री ने बिहार के लिए एक बंदरगाह अलॉट करने की मांग उठाई। 

10 सालों से हम बंदरगाह मांग रहे

 मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योगों को बढ़ावा मिले इसको लेकर सरकार 15 सालों से प्रयास कर रहा है। सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार एक लैंडलॉक्ड राज्य है. इसके चलते कई तरह की परेशानी होती है. हमने वर्ष 2011 में ही मांग किया था कि उड़ीसा में एक अलग बंदरगाह की सुविधा मिले। अगल यह सुविधा मिलती तो बिहार से किसी चीज को भेजने में सहूलियत होगी. इस प्रस्ताव को हमने पिछले 10 वर्षों में कई बार रखा लेकिन अब तक यह उपलब्ध नहीं हो सका है. अगर इस पर केंद्र सरकार ध्यान दें तो बिहार को काफी सहूलियत होगी.

बिहार के पैसा बैंक विकसित राज्यों में भेज रहा  

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का क्रेडिट डिपोजिट रेसियो बहुत कम है यानी 36.1% है. यहां से डिपाजिट 3.75 लाख करोड़ रुपए रहता है लेकिन बैंकों से सिर्फ 1.35 लाख करोड़ रु का ही कर्ज दिया जाता है . उन्होंने कहा कि बिहार का पैसा बैंकों में जमा होता है वह विकसित राज्यों में चला जाता है. यहां का पैसा राज्य में ही देने का प्रावधान किया जाए. प्रत्येक पंचायत में बैंक की एक शाखा खोली जाए. हम पंचायत सरकार भवन की बिल्डिंग देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर पूरे देश में उद्योग को बढ़ावा देना है तो इन बुनियादी चीजों पर ध्यान देना होगा.

वाजपेयी सरकार की तय राशि अब नहीं मिल रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए बिहार में काफी काम किया गया है .केंद्र से जो प्रस्ताव आया है वह ठीक है, जो नई नीति आई है उस पर भी बैठक हुई है जिसमें राज्य सरकार ने अपनी बात रखी है.सरकार ने एक पत्र भी भेजा है. उन्होंने कहा कि संविधान के 73 वें और 74 वें संशोधन में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय को जो अधिकार दिए गए उसमें एक अधिकार शिक्षा का भी है. बिहार में पंचायती राज संस्थानों को शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार दिया गया है. पंचायत और नगर निकाय शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं, उन्हें वेतन दिया जा रहा है .उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय से जो राशि तय की गई थी उस समय वह मिलती थी लेकिन अब उतनी राशि नहीं मिल रही है. हमारा आग्रह है कि जो पॉलिसी है उसे देख लिया जाए. 

समग्र शिक्षा की राशि समय से दे केंद्र सरकार

पंचायती राज संस्थानों और नगर निकायों को टीचर नियुक्ति का अधिकार मिला हुआ है. इसे देखते हुए जो नई पॉलिसी लाई जा रही है उसमें यह काम बेहतर ढंग से हो या ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार में 3 लाख से अधिक टीचर की बहाली हुई है।उन्हें वेतन दिया जा रहा है. समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार से शिक्षकों के वेतन में जो राशि मिलती है वह राशि समय नहीं मिल रही. अगर समय से मिलती तो सरकार को काफी सुविधा होती है


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