सीएम नीतीश ने स्पीकर विजय सिन्हा को याद दिलाया कानून... गद्दी से हटाने का कर दिया है पूरा इंतजाम

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच तनातनी जगजाहिर है. ऐसे में अब एनडीए से अलग होकर महागठबंधन संग सरकार बना चुके नीतीश कुमार के निशाने पर आने वाले पहले भाजपा नेता के रूप में विजय कुमार सिन्हा अग्रणी हैं. गुरुवार को सीएम नीतीश ने इसके संकेत भी दे दिए. राज्य में सरकार बदलने के बाद भी अब तक स्पीकर पद नहीं छोड़ने वाले विजय कुमार सिन्हा को सीएम नीतीश ने जमकर सुनाया.
11 अगस्त 1942 को पटना सचिवालय पर राष्ट्र ध्वज फहराने वाले सात शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण- पुष्पांजलि कर श्रद्धांजली देने के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि विजय सिन्हा को नियम और कानून पता ही होना चाहिए. उनसे पूछा गया था कि स्पीकर अपना पद कब छोड़ेंगे. इस पर सीएम ने कहा कि विजय सिन्हा जिनके समर्थन से स्पीकर बने थे वे सब उनसे अलग हो चुके हैं. कानून का पता होना ही चाहिए.
विधानसभा की नियमावली क्या कहती है? : दरअसल, विजय सिन्हा ने सरकार बदलने के बाद भी अब तक पद नहीं छोड़ा है. अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के बाद विस अध्यक्ष विजय सिन्हा कुर्सी छोड़ देंगे? क्या अब वे खुद इस्तीफा करेंगे...इसको लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। बिहार विधानसभा की नियमावली के खंड 110 में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने के बारे में व्याख्या की गई है। विधानसभा की नियमावली में कहा गया है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने की सूचना संविधान के अनुच्छेद 179 के तहत 14 दिन पहले सदस्यों के द्वारा दी जाती है। सदस्यों के द्वारा दी गई सूचना को 'आसन' की तरफ से सदन में पढ़कर सुनाया जाता है। आसन की तरफ से सदस्यों से कहा जाता है कि जो इस संकल्प को सदन में प्रस्तावित करने की अनुमति देने के पक्ष में हों वे खड़े हो जाएं. अगर 38 सदस्य खड़े हुए तो संकल्प प्रस्तावित करने की अनुमति दी जाएगी. यदि 38 से कम सदस्य खड़े हुए संकल्प प्रस्तावित नहीं हुआ। यानी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को हटाने का नोटिस अस्वीकार कर दिया गया। विधानसभा की नियमावली 110 में यह भी उल्लेख है कि अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को हटाने को लेकर सदन में लाये गए संकल्प पर विचार हो रहा हो तब अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सदन की अध्यक्षता नहीं करेंगे.
बिहार में कानून व्यव्य्स्था के मुद्दे पर विधानसभा में ही मार्च 2022 में विजय सिन्हा ने राज्य सरकार को घेरा था. इस पर किये नीतीश खासे गुस्सा हो गए थे. उन्होंने सदन में ही विजय सिन्हा को खूब सुना दिया था. इससे नाराज विजय सिन्हा सदन से बाहर चले गए और अगले दिन से उनका मान मनौव्वल शुरू हो गया.बाद में नीतीश कुमार और विजय सिन्हा ने एक दूसरे के प्रति शिष्टाचार दिखाया लेकिन दोनों के बीच शुरू हुई तल्खी भीतरखाने बने रहने की बात कही गई. माना जा रहा है उस घटनाक्रम से नीतीश अब तक नाराज हैं और विजय सिन्हा को जल्द से जल्द पद से हटाने की तैयारी है. चुकी सदन में अब महागठबंधन की सरकार है ऐसे बहुमत के हिसाब से विजय सिन्हा का हटना भी तय है.