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CM नीतीश के ऐलान का अब तक नहीं हुआ पालन...विधानसभा में फिर हुआ हंगामा, क्या करेगी सरकार...

CM नीतीश के ऐलान का अब तक नहीं हुआ पालन...विधानसभा में फिर हुआ हंगामा, क्या करेगी सरकार...

पटनाः बिहार में स्कूल टाइमिंग को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में ऐलान किया था कि सरकारी स्कूल सुबह 10 बजे से शाम बजे तक संचालित होगी. शिक्षकों को सुबह 9.45 बजे तक स्कूल आना होगा और शाम 4.15 बजे स्कूल छोड़ना होगा. सीएम नीतीश के इस ऐलान के बाद भी शिक्षा विभाग ने अब तक नया आदेश नहीं जारी किया है. इसी बीच 28 फरवरी को एक फर्जी पत्र वायरल होने लगा. जिसमें स्कूल टाईमिंग का जिक्र था. आज गुरूवार को एक बार फिर से यह मामला विधानसभा में उठा. माले विधायकों ने यह मामला उठाया. विपक्षी विधायकों ने कहा कि यह लोकतंत्र का अपमान है. मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की. इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने अब तक शिक्षकों की स्कूल टाईमिंग को लेकर पत्र जारी नहीं किया है. स्पीकर ने हंगामा कर रहे विधायकों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और वेल में पहुंच गए. वेल में पहुंचे भाकपा माले और राजद विधायक नारेबाजी करते रहे. 

विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि आपकी जो चिंता है, इस पर विचार किया जाएगा. आज ही दोपहर 12.30 बजे मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग है. अगर मुख्यमंत्री की बात पर अमल नहीं हुआ है तो इसकी समीक्षा होगी और अधिकारियों को इस संबंध में निदेशित किया जाएगा.  सरकार की तरफ से जवाब मिलने के बाद हंगामा कर रहे विपक्षी विधायक शांत हो गए. 

बिहार विधानसभा में आज दाखिल खारिज में लेटलतीफी करने वाले अंचलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी. जेडीयू विधायक शालिनी मिश्रा ने यह सवाल उठाया. प्रश्नकाल के दौरान जेडीयू विधायक शालिनी मिश्रा ने सवाल पूछा कि दाखिल खारिज के लिए सरकार ने समय सीमा निर्धारित किया है. समय सीमा खत्म होने के बाद भी जमीन का दाखिल खारिज नहीं किया जा रहा. यह गंभीर मामला है. उन्होंने सरकार से पूछा कि समय सीमा में दाखिल खारिज नहीं करने वाले कितने राजस्व कर्मी या अंचलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है ?

सरकार की तरफ से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज के लिए सरकार की तरफ से समय सीमा निर्धारित है. समय सीमा के भीतर काम नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. उन्होंने सदन में बताया कि अब तक 100 पदाधिकारी और कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है. लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. 

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