एनडीए से भूमिहार वोट खिसकने के सुशील मोदी की चिंताओं पर सीएम नीतीश ने कही बड़ी बात

पटना. एनडीए से भूमिहार समाज की नाराजगी को लेकर भाजपा नेता सुशील मोदी के ट्वीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. दरअसल, बोचहां विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को मिली करारी हार के बाद से एनडीए में बवाल मचा हुआ है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उपचुनाव में मिली हार और 24 एमएलसी सीटों के चुनाव में एनडीए को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर सीधे सीधे भाजपा नेतृत्व पर कई सवाल दाग दिया. उन्होंने यहां तक कि अतिपिछड़ा समाज और सवर्णों के एक वर्ग यानी भूमिहार का वोट बैंक एनडीए से खिसक गया जिस कारण बोचहां में हार हुई. मोदी के सवालों पर फ़िलहाल कोई भी भाजपा या जदयू नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
इस बीच, शनिवार को नीतीश कुमार से जब संवाददाताओं ने भूमिहारों की नाराजगी पर सवाल किया तो सीएम नीतीश ने सवाल को टाल दिया. उनसे पूछा गया कि सुशील मोदी ने सवर्णों के एक वर्ग के एनडीए से नाराज होने की बात कही है. सीएम नीतीश ने सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा कि अब वही न बताएंगे.
सुशील मोदी ने कहा था, बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है। एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियांँ दूर की जा सकें। बोचहा विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था। पूरी ताकत लगायी गई थी।
सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की। इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था। इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।
उन्होंने कहा, वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था। गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था। बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी। अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।