PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गृह,पुलिस,सामान्य प्रशासन,जमीन व अन्य विभाग से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई हुई। सबसे अधिक मामला जमीन और अंचलाधिकारी से जुड़ा हुआ था।अंचलाधिकारियों की लगातार शिकायत के बाद सीएम नीतीश परेशान हो उठे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री को तलब कर दिया। मुख्यमंत्री ने तल्ख लहजे में कहा-आपके यहां से बहुत मामला है जरा सुना कीजिए।
सीएम नीतीश के तेवर देख भागे-भागे पहुंचे मंत्री जी
अंचाधिकारियों के आतंक से सीएम नीतीश परेशान दिखे। दर्जनों ऐसे केस आये जिसमें अंचलाधिकारी की वजह से सरकार की प्रतिष्ठा गिर रही थी। इसके बाद आज नीतीश ने तल्ख तेवर अपना लिया। उन्होंने विभाग के मंत्री रामसूरत राय की अपरोक्ष रूप से क्लास लगा दी। उन्होंने कहा- जरा आप भी सुना कीजिए....आपके यहां बहुत केस आ रहा...जरा गौर से सुना कीजिए। सीएम के तेवर देख राजस्व मंत्री रामसूरत राय भागे-भागे मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। मुख्य मंत्री ने कहा-जरा सुना कीजिए। इस पर मंत्री महोदय ने हाथ जोड़कर कहा- जी...जी सुन रहे हैं। फिर मंत्री जी अपनी सीट पर चले गये।
सीएम ने सीएस से कहा- कार्रवाई करिए
गया से आये एक शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि हमारी जमीन को कब्जा कर लिया गया। कब्जा हटाने का आदेश गया जिलाधिकारी ने दिया। लेकिन डीएम के आदेश को अंचलाधिकारी ने मानने से इनकार कर दिया। यह सुन सीएम भी भौंचक रह गये। उन्होंने पूछा कि डीएम के आदेश पर सीओ ने कार्रवाई नहीं की ? फरियादी ने कहा कि डीएम के आदेश का पत्र लगा है। फिर क्या था .....मुख्यमंत्री ने तुरंत मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा- आप इस मामले को देखिए। डीएम का आदेश अंचलाधिकारी नहीं मान रहा। ऐसे में तो कार्रवाई होनी चाहिए।
जेडीयू नेता ने खोल दी पोल
जनता दरबार में जेडीयू का एक जिला महासचिव भी पहुंचे। वे बेटे और पत्नी पर एससी-एसटी केस में फंसाने का आरोप को लेकर जनता दरबार में पहुंचे थे। जेडीयू नेता ने सीएम नीतीश से कहा कि हम सब जगह गये। डीएसपी ने एसपी के यहां भेज दिया। डीएम के यहां भी गये। मंत्री रामसूरत राय ने भी फोन कर न्याय देने को कहा लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला। हालांकि हमारे बेटे और पत्नी को 28 अक्टूबर को कोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन पुलिस से न्याय नहीं मिला।
महिला की इज्जत लूटने की धमकी
पीड़ित शख्स ने मुख्यमंत्री से कहा कि गांव का दबंग भू माफिया ने परेशान कर रखा है। जमीन हमारी वो पैसा मांगता है। हमारी पत्नी ने जब डीआईजी से शिकायत करने पहुंची तो फू-माफिया ने चौराहे पर इज्जत लूटने की धमकी दी। सर कुछ करिए...। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को डीजीपी के पास भेज दिया।
रोने लगे एक वृद्ध फरियादी
इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि जमीन आपकी है? फरियादी ने कहा कि -हां। इस पर मुख्यमंत्री ने वृद्ध फरियादी को डीजीपी के पास भेजा और कहा कि डीजीपी इस मामले को देखेंगे। वहीं बेतिया से आये एक युवक ने कहा कि हमारे पिता पुलिस में थे। सेवा के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मौत के बाद हमें अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा रही। पुलिस विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि आपके 2-2 भाई नौकरी में हैं इसीलिए आपको अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती। इस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी को फोन लगाकर कहा कि जब अनुकंपा पर नौकरी दी जाती है तो इस युवक को नौकरी क्यों मिली? अगर कोई तकनीकी बाधा है तो देखना पड़ेगा।