लखनऊ: कोलकाता में हुई घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई है यही वजह है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल की है अब जब भी डॉक्टर मरीज को देखने जाएंगे तो उनके साथ सुरक्षा कर्मी भी साथ जाएंगे। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर रात में मरीज देखने जाते थे ऐसे में उनके साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी की चिंता बनी रहती थी लेकिन अब योगी सरकार की पहल से डॉक्टर पूरी सुरक्षा के साथ अपनी ड्यूटी निभा सकते हैं।
योगी सरकार ने यह गाइडलाइन कोलकाता घटना को देखते हुए जारी की है मुख्य सचिव ने इस गाइडलाइन को शक्ति के साथ लागू करने का आदेश दिया है साथ ही सुरक्षा कर्मी अस्पतालों के ब्लॉक छात्रावास का भी ग्रस्त करेंगे। अस्पतालों के अन्य क्षेत्रों में भी सुरक्षाकर्मी ग्रस्त करते हुए नजर आएंगे। अस्पताल परिसर के प्रवेश निकासी पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिससे कि रास्ते की निगरानी हो सके कि कौन अंदर जा रहा है और कौन बाहर आ रहा है। इसके साथ-साथ कंट्रोल रूम बनाकर अस्पतालों की 24 घंटे निगरानी होगी अस्पतालों में सुरक्षा चौकियां भी बनाई जाएगी जो पास के पुलिस स्टेशन से 24 घंटे संपर्क में रहेंगी।
अस्पतालों में सुरक्षा के होगे कड़े इंतजाम
गाइडलाइन जारी होने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का हथियार अस्पताल परिसर में नहीं ले जा सकेगा अस्पताल परिसर के प्रवेश और निकासी द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
कोलकाता सरकार की ओर से संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव पाए जाने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. डॉक्टरों सहित हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर न्याय के लिए प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों के कारण आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं. सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ के लिए सुरक्षा बंदोबस्त के अभाव पर चिंता जताई थी और एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया था. इस टास्क फोर्स का काम राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल स्टाफ़ की सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल तैयार करना है. इस घटना के बाद यूपी में भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया था और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी जिसके बाद योगी सरकार ने या बड़ा फैसला लिया है..