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चरम पर टकराव ! CM नीतीश ने RJD कोटे के मंत्रियों से बनाई दूरी....बिना मंत्री के ही मुख्यमंत्री ने कर ली मीटिंग

चरम पर टकराव ! CM नीतीश ने RJD कोटे के मंत्रियों से बनाई दूरी....बिना मंत्री के ही मुख्यमंत्री ने कर ली मीटिंग

PATNA: महागठबंधन की सरकार बनने के छह महीने के भीतर ही राजद-जेडीयू में टकराव चरम पर पहुंच गया है। दोनों दल का टकराव अब सरकार में भी दिखने लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना मंत्री के ही विभागीय बैठक कर रहे हैं. ऐसा लग रहा मानो राजद कोटे के मंत्रियों से सीएम नीतीश ने दूरी बना ली हो। सोमवार की बैठक में वो तस्वीर दिखी जब मुख्यमंत्री सिर्फ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. राजद कोटे के संबंधित दोनों मंत्री गैरमौजूद रहे। बताया जाता है कि मंत्रियों को बुलाया ही नहीं गया था

सीएम नीतीश की मीटिंग से राजद कोटे के मंत्री गैरहाजिर 

दरअसल, नीतीश कुमार आज धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस बैठक में मुख्यतः तीन विभाग सहकारिता, खाद्ध उपभोक्ता व कृषि विभाग जुड़ा था. लिहाजा विभाग के सचिव तो मौजूद रहे लेकिन मीटिंग में मंत्री उपस्थित नहीं रहे. सरकारी बैठक में मंत्रियों के मौजूद नहीं रहने पर सवाल उठने लगे हैं. सहकारिता और कृषि विभाग में राजद कोटे से मंत्री हैं,जबकि खाद्ध आपूर्ति विभाग जेडीयू के पास है. सीएम नीतीश की मीटिंग में न तो सहकारिता मंत्री सुरेन्द्र यादव दिखे और न ही कृषि विभाग के मंत्री कुमार सर्वजीत. वैसे जेडीयू कोटे की खाद्ध आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह भी मीटिंग में मौजूद नहीं थी. 

धान अधिप्राप्ति को लेकर सीएम नीतीश की बैठक 

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'नेक संवाद में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षात्मक बैठक की। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति एवं लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की जा रही है। धान अधिप्राप्ति का जिलावार निर्धारित लक्ष्य, कार्यरत पैक्स / व्यापार मंडल की संख्या, उसना मिलों की संख्या एवं धान अधिप्राप्ति से संबंधित अन्य जानकारी भी दी। बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव बन्दना प्रेयसी ने भी धान अधिप्राप्ति की अद्यतन जानकारी दी।

कई जिलों के डीएम भी वीसी के माध्यम से जुड़े

रोहतास, बक्सर, भोजपुर, कैमूर एवं नालंदा जिले के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों के धान अधिप्राप्ति की अद्यतन जानकारी दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हरसंभव सहायता कर रही है। कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के हित में कई कदम उठाए गए हैं। कृषि रोड मैप के लागू होने से प्रोडक्शन बढ़ा है। अधिप्राप्ति का काम हमलोगों ने शुरू कराया। पैक्सों को बढ़ावा दिया गया है। पैक्सों के हित में हमलोग हमेशा सोचते हैं। पैक्सों को अधिप्राप्ति प्रक्रिया में राज्य खाद्य निगम द्वारा सी०एम०आर० (चावल) के भुगतान के साथ दो माह का ब्याज एवं प्रबंधकीय अनुदान के रूप में 10 रूपये प्रति क्विंटल का भुगतान भी किया जाता है। इसके अलावा अधिप्राप्ति प्रक्रिया में पैक्सों को जो अतिरिक्त राशि खर्च होगी, उसका वहन राज्य सरकार करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्प वर्षापात से प्रभावित जिलों के अलावा अन्य जिलों में अनुमानित उत्पादन के अनुसार धान अधिप्राप्ति के जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उसे पूरा करें। रोहतास, बक्सर, कैमूर एवं भोजपुर जिले में धान का अच्छा उत्पादन होता है, वहां के स्थानीय खपत को ध्यान में रखते हुए अरवा चावल की भी उपलब्धता रखें। धान अधिप्राप्ति बेहतर ढंग से करें ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित करें किसानों को पराली जलाने से नुकसान के संबंध में बताएं। पराली जलाने से वातावरण खराब होता है, साथ ही खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म होने लगती है सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसे प्रचारित करें किसानों को बताएं कि जो पराली जलाएंगे, उनकी धान अधिप्राप्ति नहीं की जाएगी।

सीएम नीतीश की बैठक में सिर्फ अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार, कृषि विभाग के सचिव एन० सरवन कुमार सहकारिता विभाग की सचिव बन्दना प्रेयसी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोहतास, बक्सर, आरा, कैमूर, नालंदा, औरंगाबाद एवं गया के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे।

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