बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कांग्रेस का केंद्रीय सत्ता के लिए अहम राज्य में एक तीर से दो निशाना, मल्लिकार्जुन खड़गे को यूपी से चुनाव में उतार कर बसपा -भाजपा के लिए खड़ी कर सकती है मुसिबत

कांग्रेस का केंद्रीय सत्ता के लिए अहम राज्य में एक तीर से दो निशाना, मल्लिकार्जुन खड़गे को यूपी से चुनाव में उतार कर बसपा -भाजपा के लिए खड़ी कर सकती है मुसिबत

माना जाता है कि दिल्ली के तख्त का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है.इसका कारण भी है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की  80 सीटें हैं. कांग्रेस और इंडिया महागठबंधन को इसका बखूबी पता है कि उत्तरप्रदेश देश की सियासत के लिए कितना अहम है. इसलिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उत्तर प्रदेश की सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस का मानना है कि खड़गे उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ते हैं तो दलित मतदाताओं का वोट कांग्रेस को मिल सकता है और इसका लाभ समाजवादी पार्टी को भी होने की उम्मीद है.

उत्तरप्रदेश में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है ,इस पर उसने काम करना भी शुरु कर दिया है. कांग्रेस ने अभी कुछ दिन पहले हीं प्रदेश अध्यक्ष की कमान अजय राय को सौंप कर अगड़ों को साधने की कोशिश की है. कांग्रेस को यह बखूबी पता चल गया है कि बिना यूपी फतह किए उसके लिए दिल्ली की गद्दी पर बैठना कठिन होगा. वहीं  सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित चेहरा मल्लिकार्जुन खड़गे को उत्तरप्रदेस से चुनावी मैदान में उतार सकती है.

यूपी में कांग्रेस से दलित छिटक गए थे, दलितों को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी खड़गे को राज्य में किसी आरक्षित सीट से चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है. कांग्रेस का मानना है कि बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती का करिश्मा अब राज्य में खत्म हो गया है.उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की दलित मतदाताओं पर पकड़ ढीली होती दिख रही है.  ऐसे में राज्य के दलितों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कांग्रेस मलिकार्जुन खड़गे को यूपी से चुनाव मैदान में खड़ा कर सकती है. यूपी कांग्रेस के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है कि यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. यह देश के किसी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक सीटों वाला राज्य है. ऐसे में इन 80 सीटों में से आधी भी अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जीत लेती है तो केंद्र में सरकार बनाना आसान हो सकता है.

वहीं कांग्रेस की बड़ी समस्या है कि यूपी में कांग्रेस का बड़ा चेहरा नहीं है जिसके सहारे वह चुनावी वैतरणी पार कर सके.कभी दलित समाज कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता था लेकिन बाद में वह छिटकता चला गया. ऐसे में कांग्रेस की रणनीति दलित वोटों को अपनी ओर करने की है.अगर दलित कांग्रेस के साथ आते हैं तो तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी उलटफेर हो सकता है. इसके लिए  कांग्रेस मलिकार्जुन खड़गे को इटावा या बाराबंकी से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस का मानना है कि इससे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को मदद मिलेगा. खड़गे कर्नाटक से अपनी पारंपरिक सीट से भी चुनाव लड़ेगे  और उत्तर प्रदेश में एक सीट से चुनाव लड़ें सकते हैं.

वहीं राहुल गांधी के अपनी परंपरागत सीट अमेठी से तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को  प्रयागराज से मैदान में उतारने पर कांग्रेस विचार कर रही है. बहरहाल कांग्रेस भाजपा के गढ़ उत्तरप्रदेश में अपनी धमक बनाने की दिशा में काम कर रही है.पहले अजय राय को राज्य की कमान सौंप कर अगड़ों में पैठ की कोशिश तो पार्टी अध्यक्ष खड़गे को यहां से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कांग्रेस की रणनीति के हिस्सा के रुप में देखा जा सकता है.

Suggested News