कांग्रेस हुई भूमिहारों पर मेहरबान, जिला अध्यक्षों में सवर्णों की भरमार, लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में सबसे बड़ा दांव

कांग्रेस हुई भूमिहारों पर मेहरबान, जिला अध्यक्षों में सवर्णों की भरमार, लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में सबसे बड़ा दांव

पटना. बिहार की राजनीति में जाति की बातें ना हो यह संभव ही नहीं. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने अपने 39 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित किए हैं. कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों की घोषणा में सवर्णों को खूब तरजीह दी है. करीब 2 दर्जन से ज्यादा जिला अध्यक्ष सवर्ण समुदाय हैं. संयोग से बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह भी भूमिहार जाति से हैं और अब उन्होंने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी सवर्णों पर जमकर दांव खेला है. 

कांग्रेस ने जिन 39 जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा की है उसमें 11 जिलों में भूमिहार और 8 में ब्राह्मणों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा राजपूत समाज से 6 हैं. यह सभी सवर्ण समुदाय से आते हैं. वहीं कांग्रेस ने पांच मुस्लिम को जिलाध्यक्ष बनाया है. साथ ही 4 यादव और 3 दलित चेहरे को शामिल किया गया है. कायस्थ और कुशवाहा समाज से एक-एक जिलाध्यक्ष बने हैं. कांग्रेस ने 39 में से सिर्फ दो महिलाओं को जिलाध्यक्ष बनाया है. 

पार्टी ने पटना महानगर से शशि रंजन को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं पटना ग्रामीण-1 से सुमित कुमार सनी और पटना ग्रामीण- 2 से रघुनंदन पासवान को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पार्टी ने मुंगेर में वहां के विधायक अजय कुमार सिंह को जिला अध्यक्ष बनाया गया है. पहले भी मुंगेर में यही कार्यकारी जिलाध्यक्ष थे. संगठन में कई लोग हैं बावजूद एक ही व्यक्ति विधायक भी और अब अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. विधान परिषद में नेता मदन मोहन झा सवर्ण हैं, वे ब्राह्मण जाति से हैं. वहीं विधान सभा में विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी सवर्ण हैं, वे भूमिहार जाति से आते हैं.

ऐसे में कांग्रेस में मौजूदा समय में भूमिहारों का सर्वाधिक दबदबा देखा जा सकता है. पार्टी की भूमिहार सहित सवर्णों पर इस मेहरबानी के पीछे एक बड़ी वजह सवर्ण वोटों को अपने पाले में करने की रणनीति हो सकती है. मौजूदा समय में भाजपा के पक्ष में बड़े स्तर पर सवर्ण वोटों का झुकाव है. लेकिन बड़े स्तर पर सवर्ण समुदाय के लोग आज भी एक बेहतर राजनीतिक विकल्प तलाश रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस इसी विकल्प का पर्याय बनने के लिए सवर्णों पर डोरे डाल रही है. साथ ही 5 मुस्लिम जिला अध्यक्षों को बनाकर पार्टी ने अल्पसंख्यक वोटों में पकड़ बनाने की कोशिश की है. 

दरअसल, बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद मुख्य रूप से यादव और मुस्लिम समुदाय के सहारे अपनी राजनीति चमकाते रही है. लालू का यही एम-वाई समीकरण उन्हें पिछले 33 वर्षों से बिहार की राजनीति में सफल बनाए हुए है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को लव-कुश यानी कुर्मी और कुशवाहा की पार्टी के तौर पर देखा जाता है. साथ ही मुसलमानों को भी नीतीश साधते रहे हैं. बिहार में सक्रिय अन्य दलों में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) मुख्य रूप से पासवान वोटों को अपना आधार बनाकर राजनीति करती है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा खुद को दलितों की पार्टी के तौर पर पेश करती है लेकिन मुख्य रूप से मुसहर समुदाय में पैठ रखती है. 

ऐसे में कांग्रेस बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले अपनी जड़ों को मजबूत करने के लिए सबसे बड़े दांव कर रूप में सवर्णों को साधने की कोशिश में दिखती है. पार्टी ने 39 जिलों में से दो दर्जन से अधिक पर सवर्णों को और 5 पर मुसलमानों को अध्यक्ष बनाकर साफ कर दिया है कि पार्टी बड़ी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव की तैयारी में है. 

कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों के नाम की सूची - 

1. पश्चिमी चंपारण - भरत भूषण दुबे

2. पूर्वी चंपारण - शशि भूषण राय

3. मुजफ्फरपुर - अरविंद मुकुल

4. सीतामढ़ी - कमलेश कुमार सिंह

5. गोपालगंज - ओमप्रकाश गर्ग

6. मधुबनी - मनोज मिश्रा

7. दरभंगा - सीताराम चौधरी

8. समस्तीपुर - अबु तमीम

9. सहरसा - मुकेश झा

10. सुपौल - विमल यादव

11. मधेपुरा - सतेंद्र कुमार यादव

12. अररिया - जाकिर हुसैन

13. पूर्णिया - नीरज सिंह

14. किशनगंज - इमाम अली

15. कटिहार - सुनील यादव

16. भागलपुर - परवेज जमाल

17. बांका - कंचना सिंह

18. मुंगेर - अजय सिंह

19. लखीसराय - अमरीश कुमार अनीस

20. शेखपुरा - सर्यजीत सिंह

21. जमुई - राजेंद्र सिंह

22. बेगूसराय - अभय कुमार सरजंत

23. नालंदा - लवि ज्योति

24. पटना महानगर - शशि रंजन

25. पटना ग्रामीण 1 - सुमीत कुमार सनी

26. पटना ग्रामीण 2 - रघुनंदन पासवान

27. भोजपुर - अशोक राम

28. बक्सर - मनोज कुमार पांडेय

29. रोहतास - कन्हैया सिंह

30. कैमूर - सुनील कुशवाहा

31. गया - गगन कुमार मिश्रा

32. जहानाबाद - गोपाल शर्मा

33. अरवल- धनंजय शर्मा

34. औरंगाबाद - राकेश कुमार सिंह

35. नवादा - सतीश कुमार

36. सारण - अजय कुमार सिंह

37. वैशाली - मनोज शुक्ला

38. सीवान - बिदु भूषण पांडेय

39. शिवहर - नूरी बेगम


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