DESK : मंडी से सांसद बनी ऐक्ट्रेस कंगना रानौत के निर्देशन में बनी फिल्म इमरजेंसी को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां पहले फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं अब इस पूरे विवाद में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) भी उतर गया है।
कमेटी ने विवादित दृश्यों के साथ फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज करने के आरोप लगाते हुए अब जी-स्टूडियो को कानूनी नोटिस भेज दिया है। इतना ही नहीं, ब्रॉडकास्ट मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को लेटर लिख स्क्रिप्ट की जांच करने की मांग रखी गई है।
SGPC सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने जानकारी दी है कि फिल्म विवादों से भरी है। इसकी मुख्य अदाकार कंगना रनोट शुरू से ही पंजाब, सिख और किसानों के लिए विवादित बयान देती आई है। इमरजेंसी को खत्म करने के लिए पंजाब और अकाली दल के योगदान के बारे में तो कुछ नहीं बताया गया, लेकिन जरनैल सिंह भिंडरांवाले की गलत छवि को पेश किया गया है।
कमेटी से साझा की जाए फिल्म की स्क्रिप्ट
जिसके बाद ही SGPC की तरफ से ब्रॉडकास्ट मंत्री अश्वनी वैष्णव और सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसुन जोशी को पत्र भेजा गया है। इसमें SGPC ने मांग उठाई है कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए और इसकी पूरी स्क्रिप्ट SGPC के साथ साझी की जाए, ताकि इस फिल्म के बारे में अपनी और सिख समुदाय की भावनाओं को बताया जा सके।
क्यों है विवाद
बता दें कि 14 अगस्त को इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज किया गया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
कंगना के खिलाफ FIR की कर चुके मांग
इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। वहीं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।
सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला
ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था।