PATNA : कोरोना की दूसरी लहर ने इंसान के जीवन को तहस नहस कर दिया है। इस महामारी के सामने सरकारी सिस्टम फेल कर चुका है । जनता ऑक्सीजन के अभाव में सड़क पर ,घर में तो कभी अस्पताल में दम तोड़ दे रही है। इसी तरह अस्पतालों में बेड का आभाव व आवश्यक दवाओं की भारी कमी से भी लोग मर रहे हैं। लेकिन विडंबना देखिये को कोरोना जैसी माहमरी की वजह से दम तोड़ने के बाद श्मशान घाट पर भी शव जलाने को लेकर भारी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। अब तो पटना के श्मशान घाटों पर 24 घण्टे में अधिक शव जलने के रिकार्ड बन रहा है।
24 घंटे धधक रही चितायें, बना रहा रिकार्ड
पटना के तमाम श्मशान घाट पर जलने के इंतजार में रखे गए शवों की लंबी लाइन लोगों को डरा रहा है। 24 घण्टे चिताएं धधक रही हैं उसके वाबजूद मोक्षधाम पर शवों को जलाने के लिये लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार को पटना के तीन श्मशान घाटों पर 240 रिकॉर्ड सब जलाए गए ये आंकड़े सिर्फ शाम 6 बजे तक के हैं ।इतना ही नहीं एक दिन पटना के 3 घाटों क्रमशः बांस घाट ,गुलबीघाट व खांजेकला घाट पर 120 संक्रमित 120 सामान्य शव जलाने के रिकॉर्ड बने हैं।
संक्रमित शवों के जलाने के मामले में भी बताया गया है कि अभी तक इतनी संख्या में पटना के श्मशान घाटों पर संक्रमित शव नहीं जलाए गए थे। सबसे ज्यादा संक्रमित शव बांसघाट पर जलाया गया। 24 घंटे धधक रही चिताओं के बावजूद एंबुलेंस की लंबी कतार पटना वासियों को डरा रही है। हद तो यह है की कतार में लगी गाड़ियों से शवों को चिताओं तक लाने में ही लंबा समय लग जा रहा है। इंसान ने अपने जीवन में ऐसी विवशता शायद ही कभी देखा हो। इतना ही नहीं अब तो शव जलाने में लगे कर्मियों की हालत भी बिगड़ रही है।