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राजस्थान में नहीं टूटा रिवाज, भारी बहुमत की ओर भाजपा, इस कारण अशोक गहलोत नहीं बदल पाए सूबे में रिवाज

राजस्थान में नहीं टूटा रिवाज, भारी बहुमत की ओर भाजपा, इस कारण अशोक गहलोत नहीं बदल पाए सूबे में रिवाज

विधानसभा चुनावों की तस्वीर साफ हो गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अब तक जारी आंकड़ों के अनुसार राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते हुए दिखाई दे रही है.  राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज जारी दिख रहा है. विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत की ओर जाती दिख रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक 119 विधानसभी की सीट पर चुनाव हुआ उसमें भाजपा 114 और कांग्रेस 67 सीटें मिलतीं साफ दिख रहीं है.  भाजपा दो और एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी ने जीत ली है. जयपुर की राजकुमारी दिया कुमारी और महारानी वसुंधरा राजे अपने प्रतीद्वंद्वी से काफी आगे चल रही है.

जानकारों के अनुसार कांग्रेस गुटबाजी से उभर नहीं पाई. चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान का असर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पड़ा. दोनों के बीच चल रहे मनमुटाव का जनता के बीच भी गलत मैसेज गया. हालांकि, चुनाव के वक्त दोनों ही एकसाथ होने का संदेश देते नजर आए. वहीं सीएम फेस पर भी कांग्रेस तस्वीर साफ नहीं कर सकी. चुनाव के आखिर तक अशोक गहलोत की ओर से कहा जाता रहा कि 'कुर्सी मुझे नहीं छोड़' रही है. कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत ही अघोषित सीएम फेस नजर आ रहे थे. ऐसे में कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता जो सचिन पायलट के समर्थक थे, वे थोड़ा निराश नजर आए. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने गुटबाजी को अच्छे तरीके से हैंडल किया. बीजेपी ने गुटबाजी से निपटने के लिए सीएम फेस घोषित नहीं किया बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया. इसका सकारात्मक असर आसपास की सीटों पर भी पड़ता दिख रहा है.

राजस्थान का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम सीएम अशोक गहलोत हो जाना भी कांग्रेस को भारी पड़ता नजर आ रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस के जातीय जनगणना वाले दांव की काट के लिए पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा. बीजेपी ने चुनाव में अपने सांसदों को उतार कर मैसेज दे दिया कि इस बार सीएम कोई भी हो सकता है. वहीं कांग्रेस का सारा दारोमदार सीएम गहलोत के कंधों पर अधिक नजर आया. चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी मैदान में उतरे तो लेकिन वह भी महज खानापूर्ति ही लगा जबकि पीएम मोदी ने चुनाव के वक्त राज्य के हर संभाग या लगते हुए संभार में रैली कर बीजेपी के लिए माहौल बनाया. इसके चलते पूरा चुनाव धीरे-धीरे मोदी बनाम गहलोत हो गया. नतीजों में इसका लाभ भी बीजेपी को मिलता दिख रहा है. मोदी की लहर का असर राजस्थान में साउफ दिख रहा है . राजस्थान में गहलोत की विदाई होती साफ तौर पर दिख रही है. वहीं पांच साल पर सरकार बदलने का रिवाज कायम रखते हुए जनता ने कमल को समर्थन दिया है.

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