PATNA: बिहार सरकार भूमि विवाद को कम करने को लेकर कई तरह के प्रयास कर रही है। जिला से अंचल तक के कार्यालयों को अपडेट किया जा रहा है। अंचलाधिकारियों और डीसीएलआर कार्यालय की जिम्मेदारी-जवाबदेही को और भी बढ़ाया जा रहा है। अब सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। भूमि विवादों को हल करने करने के लिए सरकार ने अहम फैसला लेते हुए DCLR कोर्ट को फिर से टाईटल पर फैसला देने का आदेश जारी किया है।
सरकार ने सभी डीएम-डीसीएलआर को भेजा पत्र
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी जिलों के समाहर्ता को पत्र लिखा है। पत्र में सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी राज्य सरकार एवं अन्य बनाम महेश्वर मंडल एवं अन्य में पारित आदेश का कार्यान्वयन किया जाए। दरअसल पटना हाईकोर्ट ने डीसीएलआर कोर्ट के टाइटल पर फैसला देने के राज्य सरकार के आदेश को स्थगित कर दिया था. इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल किया. जिसपर निर्णय सितंबर 2019 में ही आया था। सुप्रीमकोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।
पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने विधि विभाग से परामर्श लिया. महाधिवक्ता का परामर्श से विधि विभाग के माध्यम से सरकार को प्राप्त हुआ। इसके बाद पूर्व से निर्गत आदेश जो 27 नवंबर 2018 को जारी हुआ था उसे वापस लिया जाता है. अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलों के कमिश्नर,डीएम,डीसीएलआर और सीओ को भेजे पत्र में कहा है कि बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को अधिकृत मामलों से संबंधित वादों की सुनवाई प्रारंभ करने तथा पूर्व के मामलों में पारित आदेशों के कार्यान्वयन का आदेश दिया जाता है.
मंत्री रामसूरत राय का दावा- भूमि विवादों में आयेगी कमी
वहीं बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने उम्मीद जताई कि इससे भूमि विवादों में काफी कमी आएगी। डीसीएलआर कोर्ट में टाइटल पर फैसला होने से भूमि विवादों का जल्द निपटारा हो सकेगा।