नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोशल मीडिया पर कोर्ट की कार्रवाई का वीडियो हटाने का निर्देश दिया। सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो तब पोस्ट किया था जब अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट के सामने पेश हुए थे। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने सुनीता केजरीवाल और अन्य के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल समेत छह लोगों और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, ‘मेटा’ और ‘यूट्यूब’ को नोटिस जारी किए हैं।
हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया मंचों को यह भी निर्देश दिया कि यदि उनके संज्ञान में आता है कि ऐसी ही सामग्री दोबारा पोस्ट की गई है तो वे उसे भी हटा दें। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख निर्धारित की। हाई कोर्ट अधिवक्ता वैभव सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद जब अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को एक अधीनस्थ अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपनी बात रखने का विकल्प चुना और कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की गई, जो कि अदालतों से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है। कथित तौर पर यह वीडियो सुनीता केजरीवाल और अन्य लोगों द्वारा दोबारा पोस्ट किया गया था।